नई दिल्ली। घर की खरीदारी करने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार ने रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट के नियम, 2016 को नोटिफाई कर दिया है। अब बिल्डर की ओर से पजेशन में देरी और खरीदार की ओर से EMI जमा करने पर देरी, दोनों के लिए पेनाल्टी की दर बराबर कर दी गई है। पजेशन में देरी पर बिल्डर 10.9 फीसदी की दर से खरीदार को ब्याज देंगे और EMI में देरी होने पर खरीदार को भी इसी दर से पेनाल्टी देनी होगी। पहले EMI में देरी होने पर खरीदारों को 15 फीसदी की दर से पेनाल्टी का भुगतान करना होता था।
तस्वीरों में देखिए दुनिया की सबसे खर्चीली जगहें
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अब समय पर मिलेंगे ग्राहकों को मकान
- रियल एस्टेट एक्ट के नियम नोटिफाई होने के बाद प्रत्येक बिल्डर को स्टेट रेगुलेटर के पास रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
- रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने के तीन महीने के अंदर डेवलपर्स को जुटाए गए फंड्स का 70 फीसदी एक अलग बैंक खाते में जमा कराना होगा।
- इस नियम का फायदा यह होगा कि बिल्डर किसी और प्रॉजेक्ट्स में इस फंड का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
- इससे समय पर घरों का निर्माण पूरा हो सकेगा और लोगों को तय वक्त मकान मिल सकेगा।
- अपने किसी प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के समय बिल्डर को यह भी बताना होगा कि कितने समय में वह खरीदार को मकान सौंप देंगे।
- इससे लंबे समय से अपने घर का इंतजार कर रहे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
- कई मामलो में देखने में आया है कि लोग 10-10 साल से घर मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनको पजेशन नहीं मिला है।
- नए कानून के मुताबिक, शिकायत दाखिल किए जाने के 60 दिनों के अंदर रेग्युलेटर को मामले का निपटारा करना अनिवार्य होगा।
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अभी केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जारी हुए हैं नियम
- सरकार की तरफ से जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार ये नियम अंडमान एवं निकोबार द्वीप, चंडीगढ़, दादर और नगर हवेली, दमन एवं दिउ और लक्षद्वीप में लागू होंगे।
- एक बयान में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यह दिल्ली के लिए भी इसी तरह के नियमों पर काम कर रहा है।
- उम्मीद की जारी है कि ये नियम नवंबर में नोटिफाई होंगे।