नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने विभिन्न वैकल्पिक ईंधन के लिए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ऑटो सेक्टर में उत्सर्जन घटाने के लिए सीएनजी की तुलना में एच-सीएनजी (हाइड्रोजन का 18 प्रतिशत मिश्रण) के इस्तेमाल का परीक्षण करने के बाद, भारतीय मानक ब्यूरो ने हाइड्रोजन युक्त कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस (एच-सीएनजी) के निर्देशों को तैयार किया है।’’ ऑटोमोटिव ईंधन के रूप में एच-सीएनजी के इस्तेमाल के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन की अधिसूचना प्रकाशित की गई है। उन्होंने कहा कि यह परिवहन क्षेत्र में वैकल्पिक स्वच्छ ईंधन की दिशा में एक कदम है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने ऑटो सेक्टर से कहा था कि वो ऐसे इंजनों की बड़ी संख्या में उत्पादन करें तो वैकल्पिक ईंधन से चलाए जा सकें। इससे देश में वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा मिलेगा और देश की आयातिक ईंधन पर निर्भरता कम हो सकेगी। वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने फैसला किया है कि कुछ खास नियमों को पूरा करने वाली कंपनियों को अपने खुद के फ्यूल पंप स्थापित करने और वैकल्पिक ईंधन को बेचने की छूट दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि ऑटो कंपनियों आसानी से ऐसे इंजन तैयार कर सकती हैं जो वैकल्पिक ईंधन पर काम कर सकें।
वैकल्पिक ईंधन वो ईंधन होते हैं जो पेट्रोलियम के अलावा अन्य सोर्स से प्राप्त किए जाते हैं। क्रूड से अलग भारत में वैकल्पिक ईंधन के स्रोत्र मौजूद हैं ऐसे में अगर वैकल्पिक ईंधन की मांग बढ़ती है तो भारत का तेल के आयात पर निर्भरता घटेगी। वहीं पेट्रो और डीजल के मुकाबले में वैकल्पिक फ्यूल पर्यावरण के लिए भी अच्छे माने जाते हैं। इसमें ऐथेनॉल, नेचुरल गैस, बिजली, हाइड्रोजन, प्रोपेन, बायोडीजल, मेथेनॉल, हाइब्रिड फ्यूल शामिल हैं।