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MSME सेक्टर के लिए खास पैकेज की तैयारी, वेतन भुगतान में मिलेगी मदद

लॉकडाउन की वजह से छोटे उद्योगों को कर्मचारियों का वेतन देने में मुश्किलें

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: May 10, 2020 15:50 IST
MSME Sector- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

MSME Sector

नई दिल्ली। सरकार कोरोना वायरस प्रभावित अर्थव्यवस्था के लिये प्रोत्साहन पैकेज के तहत ऋण गारंटी योजना पर काम कर रही है। इससे बैंक एमएसएमई क्षेत्र को वेतन भुगतान के लिये 10 से 15 प्रतिशत अतिरिक्त कार्यशील पूंजी उपलब्ध करा पाएंगे। फिलहाल बैंक कार्यशील पूंजी सीमा के आधार पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर्ज सुविधा की पेशकश कर रहे हैं। अब सरकार की इसमें और वृद्धि की योजना है। सूत्रों के अनुसार चूंकि इकाइयां ‘लॉकडाउन’ (बंद) के कारण बंद हैं और पिछले दो महीनों से कोई कामकाज नहीं हो रहा। ऐसे में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के पास वेतन देने के लिये पैसा नहीं है। सरकार उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है।

इन प्रस्तावों में से एक बैंकों द्वारा कार्यशील पूंजी सीमा का 10 से 15 प्रतिशत अतिरिक्त कर्ज सुविधा उपलब्ध कराने का है जिसपर विचार जारी है। कृषि के बाद एमएसएमई क्षेत्र में सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है। सूत्रों के अनुसार यह कर्ज मुख्य रूप से वेतन भुगतान के लिये होगा और प्रस्तावित ऋण गारंटी कोष के जरिये इसमें गारंटी दी जाएगी। इससे बैंकों का पैसा किसी कर्जदार द्वारा चूक की स्थिति में सुरक्षित होगा। एमएसएमई क्षेत्र का देश के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 28 प्रतिशत से अधिक योगदान है जबकि निर्यात में योगदान 40 प्रतिशत से ज्यादा है। इतना ही नहीं इस क्षेत्र में 11 करोड़ लोगों को रोजमगार मिला हुआ है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ‘लॉकडाउन’ के बाद से एमएसएमई क्षेत्र और कंपनियों को 42,000 करोड़ रुपये का कर्ज दे चुके हैं। ये कर्ज कोविड- 19 आपात ऋण सुविधा के तहत दिये गये। इसका उद्देश्य एमएसएमई को काम में बने रहने के लिये जरूरी नकदी उपलब्ध कराना है। देश में 25 मार्च से बंद के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कोविड-19 आपात कर्ज सुविधा शुरू की। इसके तहत कार्यशील पूंजी सीमा का 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर्ज (टॉप-अप लोन) दिया जाता है। इसमें कर्ज की अधिकतम सीमा 2,00 करोड़ रुपये है।

सरकार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार अबतक बैंकों ने 27,426 करोड़ रुपये का कर्ज एमएसएमई को दिया है। इसके अलावा बड़ी कंपनियों ने 14,735 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। संख्या के आधार पर करीब 10 लाख एमएसएमई और 6,428 कंपनियों ने अबतक यह लाभ उठाया है। साथ ही कई एमएसएमई और कंपनियों ने रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के तहत तीन महीने की मोहलत का भी लाभ उठाया है।

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