नई दिल्ली। सरकार ने शनिवार को बताया कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत अब तक घरों और मंदिरों में बेकार रखा 900 किलो सोना उसे प्राप्त हुआ है। सरकार को यह भी उम्मीद है कि भविष्य में यह मात्रा और बढ़ सकती है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्विटर पर यह जानकारी देते हुए कहा कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत अब तक 900 किलो सोना जुटाया गया है। इस योजना में धीरे-धीरे प्रगति हो रही है। आने वाले महीनों में इसमें तेजी आने की उम्मीद है। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम, जो पहले रफ्तार नहीं पकड़ पा रही थी अब इसे और आकर्षक और सुविधायुक्त बना दिया गया है ताकि बेकार पड़े सोने की स्कीम में भागीदारी बढ़ाई जा सके। पांच नवंबर को पेश की गई गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत बैंकों को 15 साल तक के लिए सोना संग्रह का अधिकार दिया गया है, ताकि वे समय-समय पर उनकी नीलामी कर सकें और ज्वेलर्स को सोना उधार दे सकें। जमाकर्ताओं को इस पर सालाना 2.50 फीसदी की दर से ब्याज दिया जाएगा, जो बैंकों के बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज से कम है।
यह भी पढ़ें
RBI ने बैंकों को सिक्के बेचने की दी मंजूरी, मेच्योरिटी से पहले गोल्ड स्कीम से बाहर निकल सकते हैं निवेशक
वर्तमान में देश में 46 हॉलमार्किंग एवं शुद्धता परीक्षण केंद्र हैं, जो कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सोना जमा कराने के लिए सोने की शुद्धता प्रमाणन करने के लिए नामित किए गए हैं। स्कीम के तहत जो भी सोना जमा होगा वह इन्हीं केंद्रों पर जांचा और जमा किया जाएगा। बैंक भी कुछ प्राधिकृत शाखाओं पर विशेष तौर से बड़े जमाकर्ताओं से सोना स्वीकार कर सकते हैं। देश में हर साल करीब 1,000 टन सोना आयात किया जाता है। कच्चे तेल के बाद देश में सोने का सबसे अधिक आयात किया जाता है।