नई दिल्ली। कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार जल्द कुरियर और पार्सल सेवाओं के परिचालन की अनुमति दे सकती है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में 21 दिन की राष्ट्रव्यापी बंदी लागू हैं। यदि कुरियर और पार्सल सेवाओं को अनुमति दी जाती है तो कंपनियां दस्तावेज भेज सकेंगी और प्राप्त कर सकेंगी। सूत्रों ने कहा कि कंपनियों के पास कारोबार से संबंधित दस्तावेज बड़ी मात्रा में जमा हो चुके हैं जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाना है। सूत्रों ने कहा कि कुरियर और पार्सल सेवाओं को अनुमति पर जल्द फैसला लिया जाएगा।
एक अधिकार प्राप्त समूह पहले ही गृह मंत्रालय से इसकी सिफारिश कर चुका है। इसके अलावा वाणिज्य मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को सुझाव दिया है कि निर्यात गतिविधियों से जुड़े कारखानों को न्यूनतम श्रमबल के साथ काम करने की अनुमति दी जाए। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक में निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो और सभी निर्यात संवर्द्धन परिषदों ने यह मुद्दा उठाया है। आगामी दिनों में सरकार इस बात पर फैसल करेगी की 21 दिन की बंदी के बाद लॉकडाउन खोलना है या नहीं। लॉकडाउन 14 अप्रैल तक है। केंद्र सरकार देश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के आंशिक परिचालान के लिए भी राज्यों के साथ बातचीत करेगी।
फियो के अध्यक्ष एस सर्राफ ने कहा कि सरकार को कारखानों को कम से कम 50 प्रतिशत श्रमबल के साथ खोलने की अनुमति देनी चाहिए। हम सभी सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी नियमों का पालन करेंगे। यदि हमारा परिचालन बंद रहता है तो निर्यात बुरी तरह प्रभावित होगा।