नई दिल्ली। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की General Insurance कंपनियों की Listing के बारे में अगले दो माह में रूपरेखा तैयार कर लेगी। सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय इस बारे में अगले दो माह में खाका तैयार कर लेगा। मंत्रालय के स्तर पर निर्णय हो जाने के बाद इसे मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जायेगा।
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इन मुद्दों पर किया जा रहा है काम
- सूत्रों ने बताया कि विभिन्न मुद्दों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
- General Insurance कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा पर भी गौर किया जा रहा है।
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2016-17 का बजट पेश करते हुये सार्वजनिक क्षेत्र की General Insurance कंपनियों की सूचीबद्धता की घोषणा की थी।
बजट पेश करते हुये जेटली ने कहा था कि बैंकिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों और सार्वजनिक क्षेत्र की General Insurance कंपनियों को सार्वजनिक तौर पर सूचीबद्ध कराने तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में उल्लेखनीय बदलावों का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा, सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में सार्वजनिक शेयरधारिता होने का मतलब है कंपनियों में उच्च स्तर की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिये सरकार के स्वामित्व वाली साधारण बीमा कंपनियों को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराया जायेगा।
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ये हैं सरकारी General Insurance कंपनियां
- न्यू इंडिया एंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- इसके अलावा दो विशेषीकृत बीमा कंपनियां -ईसीजीसी और एआईसी- हैं।
- एक जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी LIC है।
सरकार ने निजी बीमा कंपनियों में विदेशी हिस्सेदारी बढ़ाने की दी थी अनुमति
- सरकार ने पिछले साल बीमा क्षेत्र की संयुक्त उद्यम कंपनियों में उनके विदेशी भागीदारों को अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 प्रतिशत तक करने की अनुमति दे दी थी।
- इससे पहले बीमा कंपनियों में 26 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति थी।
- भारत में इस समय 52 बीमा कंपनियां काम कर रही हैं। इनमें से 24 जीवन बीमा क्षेत्र में हैं जबकि 28 साधारण बीमा कारोबार में हैं।