नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि यदि चीनी के दाम मौजूदा स्तर से अधिक बढ़ते हैं तो वह चीनी के आयात शुल्क में कटौती और निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदमों पर विचार कर सकती है। चीनी का खुदरा मूल्य 40 रुपए प्रति किलो का स्तर पार कर गया है और सरकार ने पिछले कुछ सप्ताह के दौरान कई पहल की हैं, जिनमें चीनी कारोबारियों की भंडार सीमा तय करने और मिलों को दी जाने वाली 4.50 रुपए प्रति किलो के चीनी उत्पादन सब्सिडी वापस लेने जैसी पहल शामिल हैं।
बाजार में चीनी के खुदरा दाम में हुआ सुधार, सरकार ने चीनी उत्पादन सब्सिडी को वापस लिया
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि हम चीनी पर मूल्य नियंत्रण के लिए हर तरह ही पहल करेंगे। यदि कीमत मौजूदा स्तर से बढ़ती है तो हम आयात शुल्क कम करने और निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के विकल्प पर भी विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि चीनी के दाम में बढ़ोतरी कुछ हद तक उचित है, क्योंकि मिलें पिछले सत्र में 32-33 रुपए की उत्पादन लागत के बजाय चीनी 22-23 रुपए प्रति किलो पर बेच रही थीं, जिससे गन्ने का बकाया 21,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। पासवान ने कहा कि सरकार की विभिन्न पहलों और चीनी मूल्य में सुधार के मद्देनजर पिछले सत्र में बकाया घटकर 800 करोड़ रुपए पर आ गया।
उन्होंने, हालांकि, कहा, हम मिल मालिकों को कहना चाहते हैं कि हम चीनी की कीमत आसामान्य रूप से नहीं बढ़ने देना चाहते। यदि कीमत मौजूदा स्तर से बढ़ती है तो जो भी जरूरी होगा कदम उठाएंगे। चीनी की उत्पादन लागत 32-33 रुपए प्रति किलो होने के बीच आदर्श खुदरा मूल्य के बारे में पूछने पर पासवान ने कहा, हम बाजार मूल्य तय नहीं करते। मिलों को मार्जिन थोड़ा रखना चाहिए।