नयी दिल्ली। सरकार ने नये आयातकों, निर्यातकों और सीमा शुल्क ब्रोकरों की पहचान के सत्यापन को अनिवार्य किया है। इसमें पैन (स्थायी खाता संख्या), आधार के साथ-साथ कारोबार स्थान का भौतिक रूप से सत्यापन शामिल है। सीमा शुल्क (पहचान सत्यापन और अनुपालन) नियमन, 2021 सीमा शुल्क प्राधिकरण को मौजूदा आयातकों, निर्यातकों और सीमा शुल्क ब्रोकरों की पहचान के सत्यापन का अधिकार देता है।
अगर किसी व्यक्ति को पहचान की पुष्टि के लिये चुना जाता है, उसे इस बारे में सूचना मिलने के 15 दिनों के भीतर ‘कॉमन पोर्टल’ पर संबंधित दस्तावेज सीमा शुल्क प्राधिकरण को उपलब्ध कराने होंगे। इन दस्तावेजों में कंपनी गठन से जुड़े दस्तावेज, पैन, जीएसटी पहचान संख्या, बैंक ब्योरा, आयकर रिटर्न आदि शामिल हैं। नियम में कहा गया है, ‘‘अगर कोई व्यक्ति नये नियमन बनने के बाद आयात या निर्यात गतिविधियों में शामिल होता है, उसे उक्त दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। ये दस्तावेज इन गतिविधियों में शामिल होने के 30 दिनों के भीतर उपलब्ध कराने होंगे।’’
ईवाई के कर भागीदारी अभिषेक जैन ने कहा कि सरकार ने हाल में जीएसटी (माल एवं सेवा कर) कानून के तहत नियम बनाये हैं जिसका मकसद माल एवं सेवा कर के तहत फर्जी इकाइयों को चिन्हित करना और नकली बिल बनाने पर लगाम लगाना है। उन्होंने कहा कि अब इसी प्रकार का प्रावधान सीमा शुल्क कानून में लाया गया है। इसके तहत नये आयातकों और निर्यातकों को अपनी पहचान का सत्यापन कराना होगा। जैन ने कहा, ‘‘अगर किसी प्रकार का खामी का पता चलता है, वस्तुओं की मंजूरी, शुल्क सुविधा, कर वापसी आदि लंबित किये जा सकते हैं। साथ ही सीमा शुल्क अधिकारियों को मौजूदा कंपनियों के सत्यापन का भी अधिकार मिला है।’’ उन्होंने कहा कि राजस्व और कर चोरी पर लगाम लगाने के लिये सरकार का यह अच्छा कदम है।