नई दिल्ली। सरकार ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना (उड़़ान ) में बदलाव करते हुए हेलिकॉप्टर परिचालकों के लिए परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए मदद (वायबिलिटी गैप फंडिंग) बढ़ाने की घोषणा की है। इसके अलावा छोटे विमानों को भी इस योजना के तहत अनुमति दी गई है। सरकार का इरादा क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना में सुधार लाना है। उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना का मकसद देश के कम उड़ान या बिना उड़ान वाले हवाई अड्डों को जोड़ना है। इस योजना के तहत एक घंटे की उड़ान के लिए किराया 2,500 रुपए तय किया गया है।
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नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने गुरुवार को इन बदलावों की घोषणा करते हुए कहा कि इस क्षेत्रीय हवाई संपर्क (आरसीएस) योजना को उदार बनाया गया है। विशेष रूप से हमारा उद्देश्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान देना है। राजू ने कहा कि इन बदलावों से पहले पिछले कुछ माह के दौरान सभी अंशधारकों से विचार विमर्श किया गया।
उड़ान योजना के तहत दूसरे दौर की बोली आज शुरू हुई। इसमें छोटे विमानों को पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तराखंड सहित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आरसीएस के तहत उड़ानों की अनुमति दी गई है। इस योजना के तहत परिचालन करने वाले हेलिकॉप्टरों के लिए वीजीएफ बढ़ाने की घोषणा भी की गई है।
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योजना के दूसरे दौर के विजेताओं की घोषणा नवंबर के अंत तक की जाएगी। नागर विमानन सचिव आरएन चौबे ने भरोसा दिलाया कि उड़ानों की सुरक्षा से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। राजू ने कहा, उड़ान का पहला दौर काफी हद तक पटरी पर चल रहा है।