मुंबई। मोदी सरकारी ने महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट फंड (ईडीएफ) की शुरूआत कर दी है। इस फंड का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेक्टर की नई कंपनियों (स्टार्टअप) की मदद करने के लिए की जाएगी। सरकार ने इस पहल में 2200 करोड़ रुपए तक के निवेश की इच्छा जताई है।
आईटी स्टार्टअप में पैसा लगाएगी सरकार
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा स्थापित ईडीएफ प्रोफेशनल एंटरप्राइज कैपिटल फंड्स में निवेश करेगा। ये फंड्स आगे स्टार्टअप में पैसा लगाएंगे। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार ईडीएफ में 2200 करोड़ रुपए तक के निवेश की सीमा रखी है। यह योजना मार्च 2017 तक परिचालन में आ जाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उक्त निवेश एक साथ नहीं किया जाना है।
2017 के बढ़ाई जा सकती है फंड की राशी
रवि शंकर प्रसाद ने यह भी संकेत दिया कि अगर 2200 करोड़ रुपए की निवेश सीमा मार्च 2017 तक पूरी नहीं होती तो योजना को बढ़ाया जा सकता है। शुरुआत के बाद ईडीएफ का प्रबंधन केनबैंक वेंचर कैपिटल फंड करेगी। प्रसाद ने इस अवसर पर चार वेंचर कैपिटल (वीसी) कोषों को प्रतिबद्धता पत्र जारी किए।
सरकार दिलाएगी स्टार्टअप जरिये युवाओं को रोजगार
भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने अपनी राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) योजना को और विस्तार देने तथा इसे और अधिक व्यापक बनाने के लिए उबर, मोनस्टर, क्विकर, टेकमहिंद्रा, बाबाजॅब्स सहित अन्य तमाम कंपनियों के साथ समझौता किया है। सरकार ने दिसंबर में एनसीएस पोर्टल लॉन्च किया था, जिसके जरिये रोजगार सेवा और करियर काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। मंत्रालय का दावा है कि इस पोर्टल के जरिये 52 इंडस्ट्री सेक्टर और 3700 रोजगार विकल्पों के संबंध में यहां जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।