नई दिल्ली। केंद्र ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के कर्मचारियों के लिये आदर्श आचरण नियम जारी किए हैं। ये नियम कर्मचारियों को राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने और सरकारी नीतियों या कार्यों की आलोचना करने से रोकते हैं। इन नियमों का असर सरकारी कंपनियों में काम करने वाले 12 लाख से अधिक कर्मचारियों पर पड़ेगा।
केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) एकीकृत आदर्श आचरण, अनुशासन और अपील नियम में कहा गया कि कर्मचारियों को किसी भी तरह का उपहार लेने से बचना चाहिए। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर नशीली दवा या पेय पदार्थ लेने, नशे की हालत में सार्वजनिक स्थानों पर जाने तथा नशीले पदार्थ या नशीली दवा का अधिक मात्रा में उपयोग करने से परहेज करना चाहिए। नियमों के मुताबिक, कोई भी कर्मचारी ऐसे बयान नहीं देगा, जिसमें केंद्र या राज्य सरकार या सीपीएसई की नीतियों और कार्यों की प्रतिकूल आलोचना का प्रभाव हो। इसमें कर्मचारी के नाम से प्रकाशित दस्तावेज या किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर प्रकाशित दस्तावेज, प्रेस, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से किसी भी तरह का संचार या सार्वजनिक रूप से बोलना शामिल है।
सार्वजनिक उद्यम विभाग के नए नियमों के मुताबिक सीपीएसई कोई भी कर्मचारी खुद या फिर किसी ऐसे प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेगा, जिससे अपराध को शह मिलती हो। एक सीपीएसई कर्मचारी किसी भी राजनीतिक दल या ऐसे संगठन का पदाधिकारी नहीं बन सकता जो राजनीति में भाग लेता हो। इसके साथ ही राजनीतिक प्रकृति के किसी भी आंदोलन या प्रदर्शन में भाग लेने या सहायता नहीं करेगा। कर्मचारियों को विधानसभा या स्थानीय प्राधिकरण के चुनाव में प्रचार करने पर भी रोक है।