नई दिल्ली। पिछले कुछ समय़ से कुछ खबरों में ये कहा जा रहा है कि सरकारी बैंकों ने अपनी कुछ सेवाओं के शुल्क में तगड़ी बढ़ोतरी कर दी है। इन खबरों के बाद आज सरकार ने अपनी तरफ से एक स्पष्टीकरण जारी किया है जिससे कि सेवा शुल्क पर लोगों को बीच फैले किसी भी भ्रम को दूर किया जा सके।
क्या है सेविंग बैंक डिपॉजिट पर शुल्क की स्थिति
वित्त मंत्रालय ने आज स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट यानि बीएसबीडी खातों पर कोई सर्विस चार्ज नहीं लगाया गया है। इन खातों में जन धन खाते भी हैं। सरकार के मुताबिक 60.4 करोड़ बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट जिसमें 41 करोड़ से ज्यादा जन धन खाते हैं, पर रिजर्व बैंक के द्वारा मुफ्त सेवाओं में शामिल सेवाओं पर कोई सर्विस चार्ज नहीं लगाया गया है।
क्या है अन्य खातों की स्थिति
वित्त मंत्रालय के मुताबिक सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, कैश क्रेडिट और ओवरड्रॉफ्ट अकाउंट में शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। हालांकि बैंक ऑफ बड़ौदा ने पहली नवंबर से कुछ बदलाव किए थे जो कि हर महीने कैश जमा करने या निकालने की सीमा से जुड़े हैं। बैंक के मुताबिक बिना शुल्क कैश जमा करने या निकालने की सीमा एक महीने में 5 से घटाकर 3 कर दी गई थी। वहीं इस सीमा से अधिक लेनदेन पर लगने वाले शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया था। हालांकि अब बैंक साफ कर चुका है कि कोरोना संकट को देखते हुए ये बदलाव वापस लिए जा चुके हैं। इसके साथ ही किसी अन्य सरकारी बैंक ने शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की है।
क्या है शुल्क में बढोतरी पर नियम
सरकार के मुताबिक हालांकि रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक सभी बैंक जिसमें सरकारी बैंक भी शामिल हैं, अपनी सेवाओं के लिए लागत के आधार पर उचित, पारदर्शी और भेदभाव रहित शुल्क ले सकते हैं, फिर भी सरकारी बैंक संकेत दे चुके हैं कि कोरोना संकट की वजह से भी निकट भविष्य में शुल्क नहीं बढ़ाएंगे।