नई दिल्ली। प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने प्याज व्यापारियों के स्टॉक (भंडारण) की सीमा तय कर दी है। केंद्र सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए प्याज कारोबारियों पर स्टॉक लिमिट लागू कर दी है।
प्याज के रिटेल कारोबारी अपने स्टॉक में 100 क्विंटल से ज्यादा प्याज नहीं रख सकेंगे और प्याज के थोक कारोबारी अपने स्टॉक में कुल 500 क्विंटल से ज्यादा प्याज नहीं रख सकेंगे। इसके बाद भी अगर कारोबारियों ने प्याज की जमाखोरी की तो एस्मा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक, न्यूनतम निर्यात मूल्य के नीचे बांग्लादेश और श्रीलंका को प्याज का निर्यात रोक दिया गया है और जो लोग मंत्रालय के इस फैसले का उल्लंघन करते पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि इससे पहले आज ही केंद्र सरकार ने भारत से होने वाले प्याज की निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना में कहा, 'सभी किस्म के प्याज पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।' डीजीएफटी आयात और निर्यात से संबंधित मुद्दों को देखता है। इससे पहले 13 सितंबर को डीजीएफटी ने प्याज के निर्यात पर अंकुश के लिए 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय किया था।
इस कदम का उद्देश्य घरेलू बाजार में प्याज कीमतों पर अंकुश लगाना था। कोई भी निर्यातक एमईपी से नीचे के भाव पर निर्यात नहीं कर सकता है। राज्य सरकारों के पास स्टॉक की सीमा तय करने का अधिकार होता है। लेकिन इस बार केंद्र ने सीधे राज्यों पर स्टॉक की सीमा लागू की है। केंद्र ने राज्यों को प्याज भंडारण की सीमा को कड़ाई से लागू करने और जमाखोरों के खिलाफ अभियान चलाने को कहा है।
इस बीच, उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र सरकार अपने बफर स्टॉक से 50,000 टन प्याज निकाल रही है। दिल्ली में मदर डेयरी और सहकारी कंपनियों नाफेड और एनसीसीएफ द्वारा 23.90 रुपए प्रति किलोग्राम की सब्सिडी वाली दर से प्याज की बिक्री की जा रही है। अन्य राज्यों से भी कहा गया है कि वे केंद्र के बफर स्टॉक का इस्तेमाल आपूर्ति बढ़ाएं। महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख राज्यों में बाढ़ की वजह से प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है और इसकी कीमतों में उछाल आया है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार द्वारा प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सख्त कदम उठाने की चेतावनी दिए जाने पर जिन लोगों ने ऊंचे भाव पर बेचने के मकसद से कुछ स्टॉक कर रखा था उन्होंने भी निकालना शुरू कर दिया।