नई दिल्ली। आगामी त्योहारी सीजन में खाने के तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। केंद्र सरकार ने सोया तेल और पाम ऑयल पर लगने वाले आयात शुल्क में 10 फीसदी का इजाफा किया है। शुक्रवार रात को इस सिलसिले में अधिसूचना जारी हो चुकी है। देश में खपत होने वाले कुल खाने के तेल का करीब 60 फीसदी हिस्सा आयात करना पड़ता है ऐसे में आयात शुल्क में हुई बढ़ोतरी की वजह से आने वाले दिनों में खाने के तेल की कीमतों मे इजाफा होने की आशंका बढ़ गई है।
सरकार की तरफ से जारी हुई अधिसूचना के मुताबिक रिफाइंड खाद्य पाम ऑयल पर आयात शुल्क को 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा क्रूड खाद्य पाम ऑयल पर आयात शुल्क को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने की घोषणा की गई है। पाम ऑयल के अलावा सोया तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को भी बढ़ाया गया है। अधिसूचना के मुताबिक क्रूड सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क को 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 17.5 फीसदी किया गया है।
देश में तेल और तिलहन इंडस्ट्री ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। इंडस्ट्री के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता के मुताबिक आयात शुल्क बढ़ने से घरेलू स्तर पर तिलहन की कीमतों में इजाफा होगा जिससे किसानों को खरीफ तिलहन के अच्छे दाम मिलेंगे। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री क्रूड और रिफाइंड पाम ऑयल पर लगने वाले आयात शुल्क के बीच के अंतर को 15 फीसदी करने की मांग कर रही थी ताकि रिफाइंड का आयात कम हो और घरेलू स्तर पर इंडस्ट्री क्रूड तेल को खुद रिफाइन करे। सरकार ने इस अंतर को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी किया है जो इंडस्ट्री की मांग से तो कुछ कम है लेकिन फिर भी इंडस्ट्री इसका स्वागत करती है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस कदम से घरेलू स्तर पर मेक इन इंडिया कार्यक्रम में मदद मिलेगी।
वनस्पति तेल पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी से किसानों और उद्योग को तो फायदा हो सकता है लेकिन इससे उपभोक्ताओं की जेब खाली होगी। देश में खपत होने वाले कुल वनस्पति तेल का करीब 60 फीसदी हिस्सा विदेशों से आयात करना पड़ता है। नवंबर 2016 से शुरू हुए आयल वर्ष 2016-17 में जून अंत तक देश में 96,11,958 टन खाद्य तेल का आयात हो चुका है जिसमें 19,03,056 टन रिफाइंड तेल है और 77,08,902 टन क्रूड खाद्य तेल है।
देश में आयात होने वाले तेलों में सबसे अधिक पाम ऑयल और सोया ऑयल ही होते हैं। जून अंत तक आयात हुए कुल 96,11,958 टन खाद्य तेल में से 59,21,563 टन पाम ऑयल है और 19,80,795 टन सोयाबीन तेल है। इन दोनो तेलों पर ही आयात शुल्क बढ़ा है, यानि इन दोनो की कीमतों में इजाफा होने की आशंका बढ़ गई है।