नई दिल्ली। सरकार ने देश में पहली बार राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर नीति का मसौदा जारी किया है। इसका लक्ष्य वैश्विक बाजार में भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पादों की 10 गुना हिस्सेदारी बढ़ाना है जो करीब 148 अरब डॉलर मूल्य की होगी। इससे 2025 तक 35 लाख रोजगारों का निर्माण होगा।
- मसौदे के अनुसार यह नीति 2025 तक वैश्विक सॉफ्टवेयर उत्पाद बाजार में हिस्सेदारी को 10 गुना बढ़ाने का प्रयास करेगी।
- इसके लिए सॉफ्टवेयर उत्पादों की स्थानीय घरेलू या अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच को आसान बनाया जाएगा।
- इससे 2025 तक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर 35 लाख नौकरियों का सृजन होगा।
- वर्तमान में वैश्विक सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग के 411 अरब डॉलर के होने का अनुमान है।
- 2025 तक इसके 1000 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
मसौदे के अनुसार, हालांकि भारत का सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग अभी शैशवास्था में है। भारत में इस उद्योग की कुल आय 6.1 अरब डॉलर है जिसमें से करीब दो अरब डॉलर का निर्यात हो जाता है। अनुमान के मुताबिक वैश्विक सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग में भारत की हिस्सेदारी 1.48 प्रतिशत है और सरकार लक्ष्य इसे 10 गुना बढ़ाकर 2025 तक 148 अरब डॉलर करने का है।
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- नासकॉम के अनुसार भारत में इस उद्योग का मौजूदा आकार करीब 143 अरब डॉलर का है।
- 2025 तक इसके बढ़कर 350 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है।