नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि एक जुलाई से लागू जीएसटी के तहत पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में उद्योगों को मार्च 2027 तक टैक्स छूट मिलती रहेगी। उन्हें हालांकि यह छूट नई व्यवस्था में अब रिफंड के रूप में मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने कहा, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के मसौदे के अंतर्गत प्रत्येक उद्योग निश्चित समयावधि 31 मार्च 2027 में अपने खुद की रिफंड व्यवस्था के हकदार होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर तथा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे हिमालयी राज्यों में पूर्व उत्पाद शुल्क व्यवस्था के तहत उद्योग को 10 साल की छूट मिलेगी।
जेटली ने कहा कि योजना के तहत इस अवधि के दौरान कामकाज शुरू करने वाले उद्योग को 10 साल के लिए उत्पाद शुल्क अवकाश मिलेगा। साथ ही प्रत्येक उद्योग के लिए अलग से बची हुई अवधि होगी। इसके तहत उत्पादन शुरू करने के बाद उन्हें 10 साल की छूट मिलेगी। माल एवं सेवा कर व्यवस्था के तहत छूट के लिए कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन कानून के तहत एक प्रावधान है जो रिफंड की अनुमति देता है।
उन्होंने कहा, इसलिए रिफंड की डीबीटी के जरिये अनुमति होगी। इस छूट के समाप्त होने का उपबंध बढ़ाकर 2027 कर दिया गया है, इससे 4,284 औद्योगिक प्रतिष्ठान इस लाभ के हकदार होंगे। इसके लिए 27,413 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।