नई दिल्ली। सरकार ने माल एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद उत्पादों के न्यूनतम खुदरा मूल्य (MRP) में हुए बदलाव के मद्देजर कंपनियों को संशोधित MRP का स्टीकर लगाने की मंजूरी दे दी है। अब कंपनियां अपने अनबिके उत्पादों पर संशोधित MRP का स्टीकर मार्च 2018 तक लगा सकती हैं। उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज इसकी जानकारी दी।
एक जुलाई से प्रभावी GST के बाद कंपनियों को अनबिके उत्पादों पर संशोधित MRP का स्टीकर लगाने की मंजूरी पहले सितंबर तक के लिए दी गयी थी जिसे बाद में दिसंबर तक बढ़ा दिया गया था। नवंबर में करीब 200 उत्पादों पर कर की दर कम करने के बाद मंत्रालय ने अतिरिक्त स्टीकर लगाने की मंजूरी दी थी। पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘GST के मामले में हमने कंपनियों को अनबिके उत्पादों पर दिसंबर तक संशोधित MRP का स्टीकर लगाने की मंजूरी दी थी। GST काउंसिल की पिछली बैठक में करीब 200 उत्पादों पर कर की दर कम की गयी थी। इसीलिये हमने दिसंबर तक की समय सीमा को मार्च 2018 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।’’
मंत्रालय ने पिछले महीने पहले से पैक उत्पादों की घटी MRP दिखाने के लिए अतिरिक्त स्टीकर लगाने की मंजूरी दी थी। दैनिक इस्तेमाल की करीब 178 वस्तुओं को 28 प्रतिशत के कर दायरे से निकालकर 18 प्रतिशत के दायरे में लाया गया था। इसके साथ ही सभी तरह के रेस्तराओं वातानुकूलित और गैर वातानुकूलित दोनों के लिए पांच प्रतिशत की समान दर तय कर दी गयी थी। उपभोक्ताओं को घटी दर का लाभ सुनिश्चित कराने के लिए पासवान ने पिछले महीने राज्यों के मापन अधिकारियों को इस बात की जांच करने का निर्देश दिया था कि कंपनियां संशोधित MRP का स्टीकर लगा रही है या नहीं।