नई दिल्ली। सरकार ने एयर इंडिया के लिये बोली जमा करने की समयसीमा दो महीने बढ़ाकर 30 अक्टूबर तक कर दी है। कोविड-19 संकट के कारण दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियों पर पड़े असर को देखते हुए समयसीमा बढ़ायी गयी है। सरकारी एयरलाइन में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया 27 जनवरी को शुरू हुई थी। यह चौथी बार है जब सरकार ने बोली जमा करने की तिथि बढ़ायी है। निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एयर इंडिया की बिक्री के लिये रूचि पत्र (ईओआई) में शुद्धि पत्र जारी करते हुए कहा कि इसमें रूचि रखने वाले बोलीदाताओं से कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर मिले अनुरोध को देखते हुए समयसीमा बढ़ायी गयी है।
जनवरी में जारी रूचि पत्र के तहत बोली जमा करने की अंतिम तिथि 17 मार्च थी। बाद में इसे बढ़ाकर 30 अप्रैल किया गया। उसके बाद इसे 30 जून और फिर 31 अगस्त तक बढ़ाया गया था। दीपम ने वेबसाइट पर पोस्ट किये गये शुद्धि पत्र में कहा है कि पात्र इच्छुक बोलीदाताओं (क्यूआईबी) के लिये सूचना देने की तारीख भी दो महीने यानी 20 नवंबर तक के लिये बढ़ा दी गयी है।
आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से सरकार ने एयरलाइन को बेचने का फैसला लिया है। एयरलाइंस पर कर्ज का काफी बोझ है और वो लगातार लागत घटाने की कोशिशों में जुटी हुई थी, हालांकि महामारी की वजह से दबाव और बढ़ा है। एयरइंडिया को इससे पहले 2018 में भी बेचने की कोशिश की गई थी हालांकि सरकार को इसमें सफलता नहीं मिली। महामारी से एविएशन सेक्टर को भारी नुकसान की वजह से एक तरफ एयर इंडिया की अपनी आर्थिक स्थिति और बिगड़ गई है तो वहीं दूसरी तरफ दुनिया भर के संभावित खरीदारों भी अपनी-अपनी मुश्किलों में फंस गए हैं, इसे देखते हुए सरकार बोली की समय सीमा को लगतार बढ़ा रही है।