नयी दिल्ली। सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण अपनी प्रत्यक्ष कर विवाद निवारण योजना ‘विवाद से विश्वास’ के तहत भुगतान करने की समय-सीमा दो महीने और बढ़ाकर 30 जून तक कर दी है। सरकार ने कर अधिकारियों द्वारा उन मामलों में आकलन पुन: शुरू करने के लिए नोटिस जारी करने की तारीख भी 30 जून तक बढ़ा दी है जिनमें आय का आकलन नहीं हुआ है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा, ‘‘यह भी निर्णय लिया गया है कि प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 के तहत देय राशि के भुगतान का समय, बिना किसी अतिरिक्त राशि के, बढ़ाकर 30 जून, 2021 तक किया जाएगा।’’
'विवाद से विश्वास' योजना के तहत विवादित टैक्स, विवादित पेनाल्टी, विवादित इंटरेस्ट रेट जैसे मामलों के निपटारे की सुविधा प्रदान करती थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार 31 जनवरी 2020 तक 19.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक 5.10 लाख मुकदमे लंबित थे।
विवाद से विश्वास योजना आकलन के संदर्भ में विवादित कर, विवादित ब्याज, विवादित जुर्माना या विवादित शुल्क के निपटान का विकल्प उपलब्ध कराता है। इसके तहत विवादित कर का 100 फीसद और विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 फीसद देकर लंबित मामलों का निपटान किया जा सकता है। प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास कानून 17 मार्च, 2020 को अमल में आया। इसका मकसद विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों के निपटान के लिये संबंधित करदाताओं को विकल्प उपलब्ध कराना है।
कौन उठा सकता है इस स्कीम का लाभ
इसके तहत विवादित कर का 100 प्रतिशत और विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 प्रतिशत देकर लंबित मामलों का निपटान किया जा सकता है. प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास कानून 17 मार्च, 2020 को अमल में आया. इसका मकसद विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों के निपटान के लिए संबंधित करदाताओं को विकल्प उपलब्ध कराना है. विवाद से विश्वास योजना का लाभ आयकर निपटान आयोग (Income Tax Settlement Commission) के समक्ष लंबित कार्यवाही या फिर ITSC के आदेश के खिलाफ दायर रिट याचिका के संदर्भ लिया जा सकता है.