नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के दूसरे चरण में सरकार ने क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम मार्च 2021 तक बढ़ा दी है। सरकार के मुताबिक इससे 2.5 लाख मध्यम आय वर्ग के परिवारों को लाभ मिलेगा। इससे सरकार को उम्मीद है कि हाउसिंग सेक्टर में 70 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। वहीं सेक्टर में नई नौकरियां मिलने का अनुमान भी है।
सरकार के मुताबिक हाउसिंग सेक्टर में तेजी से स्टील, सीमेंट, ट्रांसपोर्ट और निर्माण से जुडे अन्य सेक्टर में भी तेजी का अनुमान है। मध्यम आय वर्ग के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम मई 2017 से लागू की गई है। जिसे पहले 31 मार्च 2020 तक बढ़ाया गया था। अब इसे और आगे बढ़ा दिया गया है। अब तक इस स्कीम से 3.3 लाख परिवारों को फायदा मिल चुका है। इस स्कीम के तहत 18 लाख से कम आय वर्ग के परिवारों को राहत मिलती है।
क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत सरकार सस्ते घर की खरीद पर सब्सिडी के रूप में राहत देती है। सरकार कर्ज के एक निश्चित हिस्से पर छूट प्रदान करती है। MIG 2 यानि 12 -18 लाख आय वर्ग के लिए ब्याज में 3 फीसदी की सब्सिडी होती है और 12 लाख तक कर्ज पर छूट मान्य होती है। वहां MIG 1 यानि 6 से 12 लाख आय वर्ग के लिए ब्याज में 4 फीसदी की सब्सिडी मिलती है और 9 लाख रुपये तक कर्ज पर छूट मान्य होती है। जिससे घर खरीदारों की EMI में कमी आती है। जानकारों के मुताबिक सब्सिडी की सीमा बढ़ने से आम लोगों के साथ साथ अफोर्डेबल हाउसिंग को भी फायदा मिलने की उम्मीद है।