नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रबी सीजन में गेहूं और दलहन की खेती करने वाले किसानों के हितों को देखते हुए एक अहम फैसला किया है। गेहूं पर आयात शुल्क को दोगुना कर दिया गया है और कनाडा से आयात होने वाले सस्ते मटर पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 50 फीसदी करने का फैसला किया गया है। केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क बोर्ड (CBEC) ने आयात शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।
CBEC ने जारी की अधिसूचना
अधिसुचना में कहा कि वह (1) वह मटर पर बुनियादी सीमाशुल्क को मौजूदा शून्य से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने (2) गेहूं के आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने’’ की पेशकश करता है। देश में गेहूं और मटर का उत्पादन रबी सीजन में होता है और रबी फसलों की बुआई देशभर में शुरू होने जा रही है। बुआई शुरू होने से पहले ही सरकार ने किसानों को हितों को देखते हुए आयात शुल्क में बढ़ोतरी का फैसला किया है।
पिछले साल हुआ था रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन
दरअसल पिछले साल देश में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, पिछले साल 9.84 करोड़ टन गेहूं पैदा होने की वजह से इस साल देश में गेहूं की सप्लाई पर्याप्त है और ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि सप्लाई बढ़ने की स्थति में गेहूं की कीमतों पर दबाव आ सकता है। अगर भाव टूटा तो किसान गेहूं की खेती से कुछ परहेज कर सकते हैं। लेकिन आयात शुल्क में बढ़ोतरी की वजह से अब खुले बाजार में आयातित गेहूं की सप्लाई घटेगी जिससे घरेलू गेहूं की मांग में इजाफा देखने को मिल सकता है और भाव को भी सहारा मिलेगा।
आयात शुल्क बढ़ने से किसानों को फायदा
दूसरी तरफ देश में अधिकतर दालों की कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है। चना, मसूर और उड़द को छोड़ ज्यादातर दलहन का भाव सरकार के तय किए हुए समर्थन मूल्य से काफी नीचे लुढ़क गया है। ऊपर से देश में दालों का आयात भी अच्छा हो रहा है। घरेलू स्तर पर भाव घटने के बावजूद विदेशों से हो रहे आयात की वजह से भविष्य में दलहन के भाव में और भी गिरावट की आशंका बढ़ गई है जिस वजह से सरकार ने अब मटर के आयात पर आयात शुल्क लगाने का फैसला किया है। देश में आयात होने वाले सभी दलहन में सबसे ज्यादा मटर का ही आयात होता है, अब मटर पर सरकार ने क्योंकि 50 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया है ऐसे में इसके आयात में गिरावट आएगी जिससे दूसरे दलहन को सहारा मिल सकता है।
महंगी हो सकती है दाल और रोटी
सरकार के इस फैसले की वजह से हालांकि उपभोक्ताओं पर कुछ मार जरूर पड़ सकती है। फैसले से गेहूं और दलहन की कीमतों में इजाफा हो सकता है जिस वजह से महंगाई बढ़ने की आशंका भी बढ़ गई है। आटा, सूजी, मैदा और सभी दालों की कीमतों में बढ़ोतरी होने की आशंका बढ़ी है।