नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को बताया कि घरेलू प्रकाश दक्षता कार्यक्रम (डीईएलपी) के तहत केवल 20 दिनों में एक करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए गए हैं। कुल मिलाकर अब तक छह करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए जा चुके हैं। योजना के तहत पूरे देश में रिहायशी क्षेत्रों में 77 करोड़ परंपरागत बल्ब की जगह एलईडी बल्ब लगाए जाने का लक्ष्य है।
बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी इफीसिएंशी सर्विसेस लिमिटेड (ईईएसएल) देश के 11 राज्यों में योजना को क्रियान्वित कर रही है। बुधवार को जारी एक सरकारी बयान के मुताबिक ईईएसएल केवल 20 दिन में एक करोड़ बल्ब वितरित कर चुकी है। इससे पहले, जनवरी में पांच करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए जाने का लक्ष्य हासिल किया गया था।
सरकार ने अपने बयान में कहा है कि छह करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए जाने के साथ देश में व्यस्त समय में 1,848 मेगावाट बिजली की मांग में कमी लाने में मदद मिली है और करीब दो करोड़ किलोवाट प्रतिदिन ऊर्जा की बचत हुई है। इसके कारण प्रतिदिन आठ करोड़ रुपए से अधिक की बचत हो रही है और 17,352 टन प्रतिदिन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है।
सौर ऊर्जा परियोजना पर 62 करोड़ रुपए निवेश करेगी मॉयल
सार्वजनिक क्षेत्र की मॉयल ने आज कहा कि उसके निदेशक मंडल ने एक सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए 61.83 करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दी है।
कंपनी ने आज बंबई शेयर बाजार को बताया कि उसके निदेशक मंडल ने आज हुई बैठक में 10.50 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए 61.83 करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दी। इसकी बिजली कंपनी खुद के काम में लेगी। कंपनी ने कल बताया था कि इस बार दिसंबर तिमाही में उसका एकल शुद्ध लाभ 87.8 प्रतिशत घटकर 13.16 करोड़ रपये रहा।