नयी दिल्ली। सरकार ने गुरुवार (26 नवंबर) को कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर मूल सीमा शुल्क घटाकर 27.5 प्रतिशत कर दिया है। इस कदम से घरेलू बाजार में सीपीओ की उपलब्धता बढ़ने की संभावना है। शुल्क कटौती से घरेलू बाजारों में खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों को भी कम करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक अधिसूचना में कहा कि कच्चे पाम तेल पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) दर संशोधित कर 27.5 प्रतिशत किया गया है जो 27 नवंबर से प्रभावी होगी।
बता दें कि, कच्चे पाम तेल पर मौजूदा मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) 37.5 प्रतिशत है। भारत के कुल खाद्य तेल की खपत में पाम तेल का हिस्सा 40 प्रतिशत से अधिक है। कच्चा तेल और सोने के बाद पामतेल भारत का तीसरा सबसे बड़ा आयात किया जाने वाला जिंस है। भारत खाद्य तेल का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक देश है, और मलेशिया और इंडोनेशिया सहित अन्य देशों से सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन खाद्यतेल खरीदता है।
इससे पहले जनवरी में, एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) देशों से आयात के लिए सरकार ने कच्चे पाम तेल पर सीमा शुल्क 40 प्रतिशत से घटाकर 37.5 प्रतिशत कर दिया था। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में छह साल के उच्च स्तर 7.61 प्रतिशत पर जा पहुंची थी, जबकि थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति आठ महीने के उच्च स्तर 1.48 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।