नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में प्याज की पैदावार बढ़ने के मद्देनजर केंद्र सरकार इसके निर्यात पर प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रही है। कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्याज की घरेलू आवक बढ़ने से इस महीने दाम में लगातार नरमी देखने को मिल रही है, जिसके बाद प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटाने पर विचार किया जा रहा है और कभी भी इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है।
मालूम हो कि बीते मॉनसून में हुई भारी बारिश से खरीफ सीजन में प्याज की फसल खराब होने से देश में प्याज की उपलब्धता कम हो गई थी, जिसके कारण प्याज का दाम आसमान छू गया था। लिहाजा, केंद्र सरकार ने प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए पिछले साल सितंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही, देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के मद्देनजर सरकार ने प्याज का आयात करने का फैसला किया। सरकार ने अब तक विदेशों से 24,500 टन प्याज मंगाया है, जबकि आयात के कुल 40,000 टन के सौदे हुए हैं।
प्याज के दाम पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार ने प्याज के थोक और खुदरा कारोबारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा भी तय कर दी। अधिकारी ने बताया कि प्याज का दाम बढ़ने पर किसानों ने रबी सीजन में अच्छी फसल लगाई है और प्याज का रकबा चालू सीजन में 9.34 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल रबी सीजन में प्याज का रकबा 7.6 लाख हेक्टेयर था।
उन्होंने बताया कि पिछले साल रबी सीजन में जहां प्याज का उत्पादन 158.2 लाख टन हुआ था, वहीं इस साल 189 लाख टन होने का अनुमान है। हालांकि खरीफ सीजन में प्याज का उत्पादन पिछले साल के 21.54 लाख टन के मुकाबले घटकर 15.74 लाख टन रहने का अनुमान है।
बारिश के कारण खरीफ सीजन में प्याज की फसल खराब होने के कारण उत्पाद में कमी आई। पिछले महीने देश की राजधानी दिल्ली में प्याज का खुदरा दाम 150 रुपये प्रति किलो तक चला गया था, लेकिन घरेलू आवक में सुधार के बाद अब दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में खुदरा प्याज 40-60 रुपए प्रति किलो बिकने लगा है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि प्याज का दाम अभी भी पिछले साल के मुकाबले काफी अधिक है, इसलिए तत्काल प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की संभावना कम है। उन्होंने बताया कि प्याज की घरेलू आवक और कीमतों की सरकार लगातार निगरानी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी फैसला उपभोक्ताओं और किसानों को ध्यान रखकर ही लेगी।