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कैशलैस इकोनोमी बनाने के लिए चैक की व्‍यवस्‍था समाप्‍त कर सकती है सरकार : CAIT

यदि आप भी लेनदेन के लिए चैक का प्रयोग करते हैं तो यह खबर आपको मुश्किल में डाल सकती है। सरकार चैक की व्‍यवस्‍था को समाप्‍त करने पर विचार कर रही है।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : November 17, 2017 18:40 IST
कैशलैस इकोनोमी बनाने के लिए चैक की व्‍यवस्‍था समाप्‍त कर सकती है सरकार : CAIT
कैशलैस इकोनोमी बनाने के लिए चैक की व्‍यवस्‍था समाप्‍त कर सकती है सरकार : CAIT

नई दिल्‍ली। यदि आप भी बड़ी राशि के लेनदेन के लिए चैक का प्रयोग करते हैं तो यह खबर आपको मुश्किल में डाल सकती है। सरकार बैंकिंग व्‍यवस्‍था में बड़ा उलटफेर करते हुए बैंक चैक की व्‍यवस्‍था को समाप्‍त करने पर विचार कर रही है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) के अनुसार सरकार चेक के माध्यम से लेन-देन बंद करने के बारे में विचार कर रही है। इसके पीछे सरकार की कोशिश डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की है। यदि चेकबुक बंद हुई तो व्यापारियों के पास नगद भुगतान के अलावा डिजीटल पेमेंट का ही ऑप्शन बचेगा।

CAIT के जनरल सेकेट्री प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में डिजिटल पेमेंट को बढ़ाने के लिए सरकार क्रेडिट और डेबिट कार्ड के माध्यम से भुगतान को बढ़ावा देने के पक्ष में है। खंडेलवाल ने बताया कि अभी सरकार नोट की छपाई पर 25000 करोड़ रुपए खर्च करती है, वहीं इन नोटों की सुरक्षा पर 6000 करोड़ खर्च किए जाते हैं। इस तरह नोटों की छपाई और रखरखाव में कुल 31000 करोड़ का खर्च किया जाता है।

यदि सरकार कैशलेस इकोनॉमी बनाने में कामयाब होती है तो इससे खर्च में बड़ी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि यदि सरकार डिजीटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना चाहती है तो कार्ड पेमेंट पर लगने वाले चार्ज भी खत्म करने होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि देशभर में 80 करोड़ एटीएम हैं, लेकिन सिर्फ 5 प्रतिशत कार्ड का इस्तेमाल डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता है, जबकि 95 प्रतिशत एटीएम कार्ड सिर्फ कैश निकालने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

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