नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत जुलाई माह की प्राप्ति 96,483 करोड़ रुपए रही। इससे पिछले महीने जून में 95,610 करोड़ रुपए का संग्रह हुआ था। वित्त मंत्रालय ने कहा कि जुलाई माह के लिए जीएसटी कलेक्शन पिछले वित्त वर्ष (जुलाई से मार्च, 2017 तक) के औसत कलेक्शन 89,885 करोड़ रुपए से अधिक है।
अप्रत्यक्ष कर सुधार कहे जाने वाले जीएसटी की पहली सालगिराव के मौके पर वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा था कि एक लाख करोड़ रुपए का राजस्व एक आदर्श नहीं है, लेकिन सरकार को इसके एक लाख करोड़ रुपए मासिक तक पहुंचने की उम्मीद है।
जीएसटी परिषद ने अपनी हाल ही की बैठक में 88 उत्पादों पर जीएसटी दर को कम किया है या खत्म किया है। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने कारोबारियों के लिए रिटर्न फाइल करने को आसान बनाने का भी निर्णय लिया है। 5 करोड़ रुपए मासिक टर्नओवर वाले कारोबारियों को अब तिमाही रिटर्न फाइल करना होगा, जबकि टैक्स का भुगतान उन्हें मासिक करना होगा।
भारतीय उद्योग जगत ने इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि इससे कर अनुपालन को बढ़ावा मिलेगा। जीएसटी परिषद ने 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आने वाले तमाम उत्पादों और सेवाओं पर कर की दर को भी कम किया है। इंटर-स्टेट और इंट्रा-स्टेट ई-वे बिल को लागू करने से भी टैक्स अनुपालन में वृद्धि हुई है, जिससे कर राजस्व की प्राप्ति में बढ़ोतरी देखने को मिली है।