नई दिल्ली। सरकार ने प्याज बीजों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगा दी है। घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों में उछाल को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। फिलहाल प्याज के बीज का निर्यात पर नियंत्रण लगे हुए थे और बिना लाइसेंस लिए इसका निर्यात नहीं किया जा सकता था। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्याज बीज के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा रही है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के दौरान 5.7 लाख डॉलर के प्याज बीज का निर्यात हुआ है। वहीं 2019-20 के पूरे वित्त वर्ष में प्याज बीज का निर्यात 35 लाख डॉलर रहा था। डीजीएफटी कीमतों पर अंकुश के लिए प्याज के निर्यात पर पहले ही रोक लगा चुका है।
सरकार प्याज की कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इसी हफ्ते केंद्र सरकार ने 1 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया है। ये प्याज अफगानिस्तान से खरीदा जाएगा। योजना के मुताबिक हर दिन देश में 4000 टन प्याज आएगा। इसके साथ ही प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र ने शुक्रवार को खुदरा और थोक व्यापारियों पर 31 दिसंबर तक के लिये स्टॉक सीमा लागू कर दी है, ताकि प्याज की घरेलू उपलब्धता की स्थिति में सुधार लाया जा सके और घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। अब खुदरा व्यापारी केवल दो टन तक प्याज का स्टॉक रख सकते हैं, जबकि थोक व्यापारियों को 25 टन तक रखने की अनुमति है। देश में बेमौसम बारिश और फसल में देरी की वजह से प्याज की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है, सरकार के कदमों से प्याज की कीमतों में थोड़ी नरमी दर्ज हुई है, हालांकि नई फसल के आने में देरी की वजह से अगर सप्लाई पर असर पड़ा तो कीमतें एक बार फिर बढ़ सकती हैं, इसलिए सरकार आयात बढ़ाने से लेकर जमाखोरी पर लगाम के लिए कदम उठा रही है।