नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट करने को मंजूरी दे दी। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी। प्रधानमंत्री ने कोलकाता बंदरगाह की 150वीं जयंती के उद्घाटन समारोह के अवसर पर 12 जनवरी 2020 को कोलकाता बंदरगाह का नाम बदलकर जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा की थी। विज्ञप्ति के मुताबिक कोलकाता पोर्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने 25 फरवरी 2020 को अपनी बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर विधिवेत्ता, शिक्षक, विचारक और जन साधारण के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी को बहुआयामी प्रतिभा के धनी के रूप में ध्यान में रखकर कोलकाता बंदरगाह को नया नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी करने की मंजूरी दे दी थी।
कोलकाता बंदरगाह एक प्रमुख बंदरगाह होने के साथ-साथ नदी के किनारे स्थित देश का पहला बंदरगाह है। 1870 के अधिनियम-पांच के अनुसार कलकत्ता बंदरगाह के सुधार के लिए आयुक्तों की नियुक्ति पर 17 अक्टूबर 1870 को इसे एक ट्रस्ट द्वारा संचालित किया गया। यह व्यापार, वाणिज्य और आर्थिक विकास के लिए भारत का मुख्य द्वार है। यह आजादी के लिए भारत के संघर्ष, प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध तथा देश में, विशेषकर पूर्वी भारत में हो रहे सामाजिक-आर्थिक बदलाव का गवाह भी रहा है। आमतौर से भारत में प्रमुख बंदरगाहों के नाम शहर अथवा उस कस्बे के नाम पर हैं जहां वे स्थित हैं। हांलाकि विशेष मामलों में अथवा जाने-माने नेताओं के योगदान को श्रद्धांजलि स्वरूप कुछ बंदरगाहों महान राष्ट्रीय नेताओं के नाम पर नया नाम दिया गया। हाल में 2017 में कांडला बंदरगाह का नाम बदलकर दीनदयाल बंदरगाह कर दिया गया।