नई दिल्ली। केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि देश में कॉल ड्रॉप की स्थिति पर दूरसंचार विभाग (डीओटी) और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की नजर है। उन्होंने संवाददाताओं को अपने मंत्रालय के पिछले दो साल के प्रदर्शन का ब्योरा देते हुए कहा, “डीओटी और ट्राई इसे गंभीरता से देख रहे हैं। देश में करीब एक लाख नए साइट (दूरसंचार टावर) लगाए गए हैं, जिसमें से 6,000 दिल्ली में ही हैं।” प्रसाद ने कहा, “गुणवत्ता संबंधी मुद्दे पर ट्राई फैसला लेगा।”
दो-तीन महीने में होगी सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी
ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को आदेश दिया था कि कॉल ड्रॉप के लिए वह ग्राहकों को मुआवजा दे, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में खारिज कर दिया। सरकार ने हालांकि मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को आश्वासन दिया है कि सेवा की गुणवत्ता बेहतर की जाएगी। प्रसाद ने यह भी बताया कि देश में अगले दो-तीन महीने में अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी होगी। इस नीलामी से सरकार को 5,60,000 करोड़ रुपये (83 अरब डॉलर) की आय होने का अनुमान है।
कॉल ड्रॉप को छुपाने वाली टेक्नोलॉजी की होगी जांच
प्रसाद ने दूरसंचार विभाग को मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा कॉल ड्रॉप को छुपाने वाली टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की जांच का निर्देश दिया है। इस बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा, मैंने इस मामले को गंभीरता से लिया है। मैं दूरसंचार विभाग के साथ ट्राई को भी निर्देश दिया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें। प्रयोगकर्ता के किसी खराब नेटवर्क क्षेत्र में जाने पर कॉल स्वत: कट जाती है। मौजूदा नियामकीय व्यवस्था के तहत यह कॉल ड्रॉप की श्रेणी में आती है।
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