नई दिल्ली। भारतीय कंपनियों के लिए विदेशों में नए अवसर बनाने में मदद देने के लिए या फिर दूसरे देशों के द्वारा जानबूझ कर उन्हें मौका न देने की संभावना को खत्म करने के लिए सरकार ने सरकारी खरीद के प्रावधानों में संशोधन कर इसमें पारस्परिकता का उपनियम जोड़ दिया है। इसके तहत अब उन देशों की कंपनियां भारत में सरकारी खरीद में भाग नहीं ले सकेंगी जिन देशों की सरकारी खरीद में भारतीय कंपनियों को भाग लेने की अनुमति नहीं है। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को इसकी जानकारी दी गयी।
सरकार ने इसके लिये सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को तरजीह) आदेश 2017 में परस्पर आदान- प्रदान का उपनियम जोड़ा है। बयान में कहा गया, ‘‘आदेश के अनुसार, जो देश भारतीय कंपनियों को अपनी सरकारी खरीद में भाग लेने की अनुमति नहीं देते हैं, उन देशों की कंपनियों को भारत में भी सरकारी खरीद में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जायेगी। उन्हें सिर्फ संबंधित मंत्रालय व विभाग द्वारा अनुमति वाली प्रकाशित सूची में ही भागीदारी की अनुमति होगी।’’
ALSO READ: चीन में फैल रही नई बीमारी, हजारों लोग संक्रमित, जानिए क्या हैं लक्षण
ALSO READ: रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर, इन राज्यों के लिए चलेंगी और क्लोन ट्रेनें
ALSO READ: अब आप बांस से बने बिस्कुट खा सकेंगे
आदेश में यह भी कहा गया है कि यह प्रावधान केंद्र सरकार द्वारा की जानी वाली सभी खरीदारी की निविदाओं का हिस्सा होगा। सरकार के ई- मार्किटप्लेस पर होने वाली सभी तरह की खरीदारी पर भी मंत्रालयों विभागों द्वारा पहचाने गये सामान के मामले में भी आवश्यक रूप से यह प्रावधान होगा।
इसके साथ ही सरकार ने सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को तरजीह) आदेश 2017 में स्थानीय खरीदारों को भी प्राथमिकता देते हुए उनकी हिस्सेदारी बढ़ाने का भी रास्ता साफ किया है। सरकार के फैसलों से भारतीय कंपनियों के लिए घरेलू मार्केट या फिर विदेशी मार्केट में नए अवसर बनेंगे। वहीं इससे उन देशों को भी संदेश मिलेगा जो अपने बाजार भारतीय उत्पादों या कंपनियों के लिए बंद रखते हैं, या फिर ऐसे किसी भी प्रतिबंध पर विचार कर रहे हैं।