नई दिल्ली। देश में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने सरकारी खरीद में स्थानीय उत्पादों की हिस्सेदारी और बढ़ाने का रास्ता साफ कर दिया है सरकार ने आज विभागों और मंत्रालयों को क्लास 1 और क्लास 2 स्थानीय सप्लायर के लिए स्थानीय उत्पादों की न्यूनतम सीमा को बढ़ाने से जुड़ा नियम जारी कर दिया है। जिससे अब सरकारी खरीद में ज्यादा स्थानीय उत्पाद शामिल किए जा सकेंगे।
कॉमर्स मिनिस्ट्री के मुताबिक सरकार ने पब्लिक प्रोक्योरमेंट (Preference to Make in India) ऑर्डर 2017 में संशोधन किया है जिससे मंत्रालयों और विभागों को क्लास 1 और क्लास 2 लोकल सप्लायर के लिए स्थानीय उत्पाद की न्यूनतम सीमा (Minimum local content requirement ) को बढ़ाने का अधिकार मिलेगा। ये सीमा क्लास 1 के लिए 50 फीसदी और क्लास 2 के लिए 20 फीसदी तय की गई है। हालांकि ऐसे आइटम में जिनमें विभाग या मंत्रालय अपनी तरफ से कोई सीमा नहीं देता है, वहां स्थानीय उत्पादों की हिस्सेदारी के लिए 50 फीसदी और 20 फीसदी की सीमा रहेगी।
पब्लिक प्रोक्योरमेंट ऑर्डर के 4 जून के संशोधन में DPIIT ने स्थानीय सप्लायर के लिए क्लास 1 कैटेगरी सप्लायर के लिए 50 फीसदी लोकल कंटेट की सीमा और क्लास 2 सप्लायर के लिए 20 फीसदी लोकल कंटेंट की सीमा तय की थी। ये कदम इसलिए उठाया गया था जिससे की स्थानीय सप्लायर अपने स्तर पर जितना भी हिस्सा सप्लाई करें उसमें स्थानीय उत्पाद का हिस्सा ज्यादा से ज्यादा हो, जिससे घरेलू इंडस्ट्री को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। अब इस सीमा को और बढ़ाने की छूट दे दी गई है।
सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकारी खरीद में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रही है। जून का फैसला इसी कड़ी का हिस्सा था। वहीं सरकार पहले से ही मेक इन इंडिया अभियान चला रही है। सरकार की योजनाओं का उद्देश्य भारतीय कंपनियों को पहले घरेलू स्तर पर बढ़ावा देना है, जिससे उन्हे फायदा मिले, वहीं आने वाले समय में ये घरेलू उत्पाद विदेशी बाजारों में अपनी जगह बना सकें।