नई दिल्ली। AT&T, वेरिजोन और कई अन्य बड़े विज्ञापनदाता (एडवरटाइजर्स) गूगल (Google) की यूट्यूब (YouTube) साइट पर अपने मार्केटिंग अभियान को निलंबित कर रहे हैैं। विज्ञापनदाता इस बात से परेशान हैं कि यूट्यूब पर उनके ब्रांड को आतंकवाद और अन्य घृणित विषयों पर वीडियो के साथ दिखाया जा रहा है। इस व्यापक बहिष्कार से गूगल के सामने अरबों डॉलर के नुकसान का खतरा पैदा हो सकता है।
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गूगल ने जताई प्रतिबद्धता
इस सप्ताह की शुरुआत में ही गूगल ने घृणित, अक्रामक और अपमानजनक विज्ञापन पर रोक लगाने के प्रयास की प्रतिबद्धता जताई थी।
गूगल के प्रमुख बिजनेस अधिकारी फिलिप शिंडलेयर ने मंगलवार को एक पोस्ट में लिखा था हम जानते हैं कि यह उन विज्ञापनदाताओं और एजेंसियों को अस्वीकार है जो हम पर विश्वास करते हैं।
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उठाए कई कदम
यूट्यूब की लोकप्रियता इसके बड़े और उदार लाइब्रेरी संग्रह के कारण है। जिसमें टीवी क्लिप्स से लेकर समलैंगिकों पर लोगों की कठोर समालोचना तक शामिल है। यूट्यूब पर विविध चयन प्रक्रिया वीडियो के आगे विज्ञापन को दिखाने की अनुमति देती है जो मार्केटर को अप्रिय लगती है। गूगल के इसे रोकने के प्रयास के बावजूद भी ऐसा हो रहा है।
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तस्वीरों में देखिए एक्टिव यूजर्स के आधार पर दुनिया के टॉप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
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यूट्यूब पर होते है हर मिनट 400 घंटे के वीडियो पोस्ट
गूगल यूट्यूब वीडियो में विज्ञापन डालने के लिए ओटोमेटेड प्रोग्राम पर निर्भर है क्योंकि इस काम को इंसानों के जरिए नहीं संभाला जा सकता। यूट्यूब पर हर मिनट 400 घंटे के वीडियो पोस्ट होते हैं।