न्यूयॉर्क। गूगल इंक के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) भारतवंशी सुंदर पिचई अमेरिका में किसी पब्लिक ट्रेडेड कंपनी में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले एग्जीक्यूटिव बन गए हैं। गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक ने एक रेगूलेटरी फाइलिंग में बताया कि उसने संदुर पिचई को 19.9 करोड़ डॉलर (1356 करोड़ रुपए) मूल्य के रिस्ट्रिक्टेड स्टॉक यूनिट दिए हैं। पिचई, जिन्होंने अगस्त 2015 में सीईओ का पदभार संभाला था, को 3 फरवरी को 273,328 क्लास सी गूगल स्टॉक यूनिट हासिल हुए हैं। इन स्टॉक यूनिट की वैल्यूएशन उस दिन स्टॉक क्लोजिंग प्राइस के आधार पर है।
फाइलिंग में कहा गया है कि इसी दिन पिचई ने 375 क्लास ए कॉमन शेयर की बिक्री 786.28 डॉलर प्रति शेयर और 3,625 क्लास सी कैपिटल स्टॉक की बिक्री 768.84 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से की है। ब्लूमबर्ग डाटा एनालिसिस के मुताबिक किसी गूगल एग्जीक्यूटिव को यह अब तक का सबसे बड़ा रिवार्ड है। क्लास सी शेयर को क्वाटर्ली इंक्रीमेंट्स के तौर पर हासिल किया जा सकता है, जो 2019 तक दिया जाएगा, हालांकि इसके लिए तब तक सीईओ बने रहना पहली शर्त है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक लैरी पेज के डिप्टी से प्रमोट होकर पिचई गूगल के सीईओ बने हैं और वह कम से कम तीन साल गूगल के सीईओ बने रहेंगे। यह कोई असामान्य बात नहीं है। गूगल हर दो साल में एक बार अपने एग्जीक्यूटिव्स को रिस्ट्रिक्टेड स्टॉक अवार्ड के तौर पर देता है इसके पीछे उसका उद्देश्य एग्जीक्यूटिव को मोटीवेट करना ओर बिजनेस का लांग टर्म व्यू होता है।
इसके अलावा अल्फाबेट इंक ने वीएमवेयर के पूर्व सीईओ डियान ग्रीन, जो पिछले साल नवंबर से गूगल के क्लाउड बिजनेस के इनचार्ज हैं, को 4.28 करोड़ डॉलर (291 करोड़ रुपए) मूल्य के रिस्ट्रिक्टेड स्टॉक दिए हैं। अल्फाबेट के सीएफओ रुथ पोरट को 3.83 करोड़ (261 करोड़ रुपए) मूल्य के बराबर इक्विटी दी गई है। पिचई और पोरट के लिए समान शर्तें लागू होंगी। यह शेयर उन्हें क्वाटर्ली इंक्रीमेंट्स के तौर पर 2019 तक दिए जाएंगे, इसके लिए उन्हें तब तक जॉब में बने रहना होगा।
अभी हाल ही में अल्फाबेट ने एप्पल को पछाड़कर दुनिया की सबसे वैल्यूएबल पब्लिक कंपनी बनने का खिताब हासिल किया है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अल्फाबेट का रेवेन्यू अनुमान से कही ज्यादा बेहतर रहा है। इस क्वार्टर में अल्फाबेट को 4.9 अरब डॉलर का प्रोफिट हुआ है, जो कि पिछले साल के समान क्वार्टर में 4.7 अरब डॉलर था। मोबाइल डिवाइस और यूट्यूब पर एड सेल्स में बहुत अधिक वृद्धि के कारण कंपनी का प्रॉफिट बढ़ा है।