नई दिल्ली। भारतीय ईकॉमर्स बाजार में बड़े बदलाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पिछले कुछ समय से भारत की सबसे बड़ी ईकॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के बिकने की खबरें आ रही हैं, जिसमें दो अमेरिकी दिग्गज अमेजन और वॉलमार्ट बड़े दावेदारों के रूप में सामने आए हैं। अंग्रेजी समाचार पत्र इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक अब वॉलमार्ट इस रेस में आगे निकल चुकी है। जल्द ही फ्लिपकार्ट के साथ उसकी डील फाइनल हो जाएगी। अब खबर आई है कि वॉलमार्ट की इस कोशिश में गूगल भी उसकी मदद करेगा। दरअसल गूगल की पैरेंट कंपनी फ्लिपकार्ट में 1 से 2 अरब डॉलर का निवेश करने जा रही है।
अमेरिकी बाजार में वॉलमार्ट और गूगल पहले से बड़े सहयोगी रहे हैं। वॉलमार्ट और गूगल के बीच पिछले साल ही एक अहम पार्टनरशिप हुई थी। जिसके तहत गूगल एक्सप्रेस पर वॉलमार्ट के प्रॉडक्ट बेचे जाते हैं। वहीं गूगल वॉलमार्ट के प्रॉडक्ट्स के लिए अपने असिस्टेंट टूल की मदद से पर्सनलाइज्ड वॉयस शॉपिंग की सुविधा भी देता है। अब अमेरिका के बाहर भी दोनों कंपनियां एक जुट होकर ईकॉमर्स कारोबार में वर्चस्व हासिल करना चाह रही हैं।
वहीं खरब है कि फ्लिपकार्ट के मौजूदा निवेश अब इससे बाहर निकलने की तैयारी में हैं। चीन की टेंसेंट और अमेरिका की टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट की 26.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। लेकिन ये कंपनियां जल्द ही इससे बाहर निकल जाएंगी। 20.8 प्रतिशत के स्वामित्व वाले सॉफ्टबैंक पहले राउंड में ही पूरी तरह से अलग हो सकता है। गौरतलब है कि फ्लिपकार्ट में एस्सेल, नेस्पर्स और ईबे की भी हिस्सेदारी है।