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खुशखबरी: covid-19 के ईलाज के लिए मिली नई दवा, DGCI ने दी Zydus की Virafin को इमरजेंसी इस्‍तेमाल की मंजूरी

जायडस का दावा है कि Pegylated Interferon Alpha 2b (Verifin) दवा 18 वर्ष के अधिक के हल्के लक्षण वाले मरीजों पर असरदार साबित हुई है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: April 23, 2021 19:56 IST
Goodnews Zydus Cadila gets DCGI nod for hepatitis drug virafin  for COVID-19 treatment- India TV Paisa
Photo:PTI

Goodnews Zydus Cadila gets DCGI nod for hepatitis drug virafin  for COVID-19 treatment

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर से देश में तेजी से फैले संक्रमण के कारण दवा की किल्‍लत के बीच कोरोना मरीजों के लिए एक अच्‍छी खबर आई है। भारत को कोरोना वायरस के ईलाज के लिए एक और दवा मिल गई है। ड्रग्‍स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने शुक्रवार को जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की दवा वीराफि‍न (Virafin) को व्‍यस्‍कों पर इमरजेंसी इस्‍तेमाल की मंजूरी दे दी है। यह दवा कोरोना के हल्‍के लक्षणों वाले मरीजों पर कारगर साबित हुई है। कंपनी का दावा है कि वीराफि‍न खाने के बाद सात दिन में आरटी-पीसीआर टेस्‍ट निगेटिव हो जाता है। परीक्षण के दौरान 91.15 प्रतिशत मरीजों में ऐसा पाया गया। इस महीने की शुरुआत में कंपनी ने डीसीजीआई से अपनी हेपैटाइटिस दवा पेगीलेटेड इंटरफेरोन अल्‍फा-2बी ((Verifin)) का इस्‍तेमाल कोविड-19 उपचार के लिए मंजूरी मांगी थी।  

जायडस का दावा है कि Pegylated Interferon Alpha 2b (Verifin) दवा 18 वर्ष के अधिक के हल्के लक्षण वाले मरीजों पर असरदार साबित हुई है। कंपनी के मुताबिक, क्लिनिकल ट्रायल में दवा के 91.15 प्रतिशत तक परिणाम मिले हैं। कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि इस दवा से क्लीनिकल ट्रायल के चरण 3 में कोविड19 के इजाल में अच्छे परिणाम मिले हैं। कंपनी इस दवा को PegiHep नाम से बेचती है।

कंपनी के अनुसार अंतरिम परिणामों से संकेत मिलता है कि जब बीमारी के शुरू में ही इस्तेमाल करने पर यह दवा मरीजों को तेजी से रिकवर होने में मदद कर सकती है। साथ ही बीमारी के एडवांस स्टेज में होने वाली जटिलताओं से बचा जा सकता है। कोरोना में Pegylated Interferon Alpha-2b का सिंगल डोज दिए जाने से यह मरीजों के लिए सस्ती होने के साथ कम बोझिल साबित होगी।

बयान में कहा गया है कि PegIFN कई साल से क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी मरीजों में मल्टीपल डोज के साथ सुरक्षित साबित हुई है। ट्रायल के दौरान यह देखा गया है कि Pegylated Interferon Alpha 2b के इस्तेमाल पर मरीजों को सप्लीमेंट ऑक्सीजन की कम आवश्यकता महसूस हुई। यह स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि दवा रेसपिरेटरी डिस्ट्रेस और विफलता को कंट्रोल करने में सक्षम था, जो कोविड-19 के इलाज में प्रमुख चुनौतियों में से एक रहा है।

इन सकारात्मक परिणामों के साथ, कंपनी ने कोविड 19 के इलाज में PegIFN के उपयोग के लिए DCGI के पास आवेदन किया था। कंपनी ने कहा कि फेज 3 के परीक्षण भारत में 20-25 केंद्रों पर 250 मरीजों पर किए गए थे और इसके विस्तृत परिणाम एक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित किए जाएंगे। बता दें कि फिलहाल देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड ( Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (COVAXIN) को ही इस्तेमाल किया जा रहा है। ये वैक्सीन युद्धस्तर पर लोगों को लगाई जा रही है।

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