नयी दिल्ली। कोविड-19 से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों के बीच आईटी कंपनी विप्रो लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा कि वह एक सितम्बर से अपने कनिष्ठ कर्मचारियों का वेतन बढ़ाएगी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि विप्रो बैंड बी3 (सहायक प्रबंधक और नीचे) तक के सभी पात्र कर्मचारियों के लिए योग्यता आधारित वेतन वृद्धि (एमएसआई) शुरू करेगी, जो एक सितम्बर से प्रभावी होगी। उसने कहा कि कंपनी ने एक जनवरी 2021 को इन बैंड वर्ग में आने वाले लगभग 80 प्रतिशत योग्य कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने की घोषणा की थी।इस वर्ष यह यह दूसरी वेतन बढ़ोतरी है।
कंपनी ने कहा कि जैसा कि पहले घोषणा की गई, सभी बैंड सी1 (प्रबंधक और ऊपर के पद) के सभी पात्र कम्रचारियों को एक जून से वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। विप्रो ने कहा, ‘‘औसतन, अपतटीय कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि उच्च एकल अंकों में होगी जबकि यह ऑनसाइट कर्मचारियों के लिए मध्य-एकल अंकों में होगी। कंपनी शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को अधिक वेतन वृद्धि के साथ पुरस्कृत करेगी।’’ कंपनी ने हालांकि कुल कितनी वेतन बढ़ोतरी की है, उसकी जानकारी नहीं दी। विप्रो आम तौर पर जून के दौरान वेतन में वृद्धि करती है। विप्रो में कर्मचारियों को पांच श्रेणियों में (ए से लेकर ई तक) में रखा गया है। इसमें बी3 बैंड में सबसे ज्यादा कर्मचारी हैं जो कि कंपनी के कुल 1.97 लाख कर्मचारियों में सबसे ज्यादा हैं।
विप्रो के CEO थिएरी डेलापोर्ट को मिला 87 लाख डॉलर वेतन
विप्रो के सीईओ थिएरी डेलापोर्ट ने वित्त वर्ष 2020-21 में 87 लाख डॉलर (करीब 64.3 करोड़ रुपए) का वेतन पैकेज हासिल किया। विप्रो ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि डेलापोर्ट को यह वेतन छह जुलाई, 2020 से 31 मार्च, 2021 की अवधि के लिए दिया गया और इसमें एक बारगी नकद, वार्षिक शेयर अनुदान, एक बारगी आरएसयू (सीमित शेयर यूनिट) शामिल हैं। केपजैमिनी के पूर्व अधिकारी डेलापोर्ट ने छह जुलाई को विप्रो के सीईओ और प्रबंध निदेशक का पद संभाला था। उन्होंने पद पर अबिदाली नीमचवाला की जगह ली। सूचना के अनुसार डेलापोर्ट को 13.1 लाख डॉलर का वेतन एवं भत्ते (9.6 करोड़ रुपए), 15.4 लाख डॉलर का कमीशन एवं वैरिएबल पे और 51.8 लाख डॉलर के अन्य लाभ दिए गए। उन्हें इस अवधि में 7,58,719 डॉलर का दीर्घकालीन मुआवजा (विलंबित लाभ) भी दिया गया।