नई दिल्ली। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गोडा ने मंगलवार को कहा कि सरकार किसानों को उर्वरक सब्सिडी (fertiliser subsidy) का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण (direct cash transfer) के रूप में शीघ्र शुरू करने की इच्छुक है। लेकिन उन्होंने कहा कि इस संबंध में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
प्रश्न काल के दौरान गोडा ने कहा कि सरकार ने रसायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की इच्छा है कि पीएम किसान योजना की भांति उर्वरक सब्सिडी का भुगतान भी सीधे किसानों के बैंक खाते में किया जाए।
मौजूदा व्यवस्था के तहत, सरकार सब्सिडी का भुगतान उर्वरक कंपनियों को करती है और किसान कम कीमत पर उर्वरक को खरीदते हैं। गोडा ने कहा कि उन्होंने किसानों के लिए डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) पर चिंतन शिविर वर्किंग ग्रुप की अध्यक्षता की है और किसानों एवं राज्य सरकारों के साथ 3-4 चरणों की बातचीत भी की है। लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है। हम इसे जितना जल्दी हो उतना शीघ्रता से लागू करना चाहते हैं।
प्रस्तावित योजना के तहत, किसानों को उनके द्वारा खरीदी गई उर्वरक के लिए सब्सिडी का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति का गठन भी किया गया है, जो डीबीटी फ्रेमवर्क पर अपनी सिफारिश देगी, जिसके तहत किसानों के लिए डायरेक्ट कैश ट्रांसफर को लागू किया जाएगा।
16 जनवरी, 2020 को समिति ने अपनी बैठक में सिफारिश की थी कि उर्वरक विभाग और कृषि, को-ऑपरेशन और किसान कल्याण विभाग के सचिवों की सह-अध्यक्षता वाली एक नोडल समिति का गठन किया जाए, जो उर्वरक के लिए डायरेक्ट कैश ट्रांसफर को लागू करने की नीति बनाएगी। मंत्री ने बताया कि नोडल समिति की अभी तक दो बैठकें हो चुकी हैं।
5000 रुपये मिल सकते हैं सब्सिडी के तौर पर
कृषि लागत और मूल्य आयोग ( CACP) ने किसानों को सीधे 5,000 रुपए सालाना खाद सब्सिडी के तौर पर देने की सिफारिश की है। आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा है कि किसानों को रबी और खरीफ फसल के लिए दो बराबर किस्तों में 5000 रुपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाना चाहिए। यानी पहली किस्त खरीफ की फसल के समय और दूसरी किस्त रबी की शुरुआत में दी जाए।
सीएसीपी की इस सिफारिश को अगर केंद्र सरकार मान लेती है तो फिर किसानों को साल में कुल 11,000 रुपए की नगद राशि मिलेगी। 6000 रुपये की राशि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के और 5000 रुपये खाद सब्सिडी के तौर पर। मौजूदा समय में कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी भ्रष्टाचार की शिकार है। हर साल सहकारी समितियों और भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से खाद की किल्लत होती है। लिहाजा किसानों को ब्लैक में खाद खरीदना पड़ता है।
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