नई दिल्ली: कमजोर वैश्विक संकेतों से देश के सर्राफा बाजार में बीते दो सप्ताह से सुस्ती बनी रही और डॉलर में आई मजबूती से आगे भी यह सुस्ती जारी रह सकती है। भारत में सोने का भाव बीते सात महीने 11,500 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट चुका है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पीली धातु रिकॉर्ड ऊंचाई से 400 डॉलर प्रति औंस से ज्यादा फिसला है। बांड बाजार से बेहतर रिटर्न मिलने और डॉलर में मजबूती आने से सोने और चांदी में निवेश के प्रति निवेशकों का रुझान मंद पड़ने से बुलियन बाजार की चाल सुस्त पड़ गई है। दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की ताकत का सूचक डॉलर इंडेक्स बीते साल नवंबर के बाद पहली बार 92 के स्तर पर आया है और पिछले दो सप्ताह से डॉलर में मजबूती बनी हुई है।
कमोडिटी बाजार के जानकार बताते हैं कि अमेरिका में रोजगार के अच्छे आंकड़े आने से डॉलर में आगे भी मजबूती बनी रह सकती है। सर्राफा बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना टीकाकरण अभियान की प्रगति और दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां पटरी पर लौटने से वैश्विक अर्थव्यवस्था में रिकवरी के मिलने से निवेश के सुरक्षित साधन सोना के बजाय निवेशकों का रुझान बेहतर रिटर्न देने वाले इंस्ट्रमेंट के प्रति बढ़ा है, जिससे बुलियन बाजार में सुस्ती बनी हुई है।
भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को सोने का भाव 44217 रुपये प्रति 10 ग्राम तक टूटा, जबकि पिछले साल सात अगस्त में सोने का भाव एमएसीएक्स पर 56,191 रुपये प्रति 10 ग्राम तक चढ़ा था। एमसीएक्स पर चांदी का भाव बीते सप्ताह 64,790 रुपये प्रति किलो तक टूटा। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स पर सोने का भाव शुक्रवार को 1,683 डॉलर प्रति औंस तक टूटा, जबकि पिछले साल अगस्त में कॉमेक्स पर सोने का भाव 2,089.20 डॉलर प्रति औंस तक उछला था।
कमोडिटी बाजार के जानकार अनुज गुप्ता बताते हैं कि सोने का भाव अगले सप्ताह 1,680 से 1,670 डॉलर प्रति औंस तक टूट सकता है, जबकि चांदी में 24 डॉलर प्रति औंस का लेवल देखने को मिल सकता है। बीते सप्ताह के आखिरी सत्र में कॉमेक्स पर सोने का अप्रैल अनुबंध 1,698 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था, जबकि चांदी का मई अनुबंध 25.28 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था।