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Interesting: दुनिया के बाजार में गिरती हैं Gold की कीमतें जब भारत में सबसे ज्यादा होती है डिमांड

देश में त्योहारी सीजन के दौरान Gold की ज्वैलरी की मांग सबसे ज्यादा रहती है। इन चार महीनों (सितंबर-दिसंबर) में ज्वैलर्स कुल बिक्री का 50 फीसदी बेचते हैं।

Dharmender Chaudhary
Published on: October 14, 2015 9:48 IST
Interesting: दुनिया के बाजार में गिरती हैं Gold की कीमतें जब भारत में सबसे ज्यादा होती है डिमांड- India TV Paisa
Interesting: दुनिया के बाजार में गिरती हैं Gold की कीमतें जब भारत में सबसे ज्यादा होती है डिमांड

नई दिल्ली। देश में त्योहारी सीजन के दौरान Gold की ज्वैलरी की मांग सबसे ज्यादा रहती है। इन चार महीनों  (सितंबर-दिसंबर) में ज्वैलर्स कुल बिक्री का 50 फीसदी बेचते हैं।  इन्ही चार महीनों के दौरान नवरात्र, दशहरा, धनतेरस और दिवाली जैसे बड़े त्योहार होते हैं। साथ ही सर्दियों में सबसे ज्यादा शादियां भी होती हैं। इसलिए Gold की डिमांड निकलती है। अर्थशास्त्र का सीधा नियम है कि डिमांग बढ़ने पर कीमतें चढ़ती हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की जब भारत जैसे देश में सबसे ज्यादा Gold की मांग होती है तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें गिरती हैं। यह बात इसलिए और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड कंज्यूमर देश है। बीते चार साल का ट्रेंड इसी ओर इशारा कर रहा है।

Gold

त्योहारी सीजन में गिरते हैं Gold के दाम

दुबई स्थित अमीरात एनबीडी सिक्योरिटीज के मैनेजर (कमोडिटी मार्केट) धर्मेश भाटिया ने इंडियाटीवी पैसा को खास बातचीत में बताया कि पिछले चाल से सितंबर-दिसंबर के दौरान सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। भाटिया के मुताबिक 2012 (सितंबर-दिसंबर) के दौरान ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतों में ऊपरी स्तर से 9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। वहीं 2013 में 18 फीसदी, 2014 में 12 फीसदी और इस साल अभी तक 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।

फंड हाउस की बिकवाली से Gold में गिरावट

केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया के मुताबिक त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू बाजार में मांग बढ़ने के बावजूद ग्लोबल बाजार में कीमतें गिरने का प्रमुख कारण पोर्टफोलियो की रिस्ट्रक्चरिंग का होना है। केडिया के अनुसार सितंबर से दिसंबर के बीच ज्यादातर फंड हाउस अपने पोर्टफोलियों की रिस्ट्रक्चरिंग करते हैं और मुनाफे वाले एसेट से प्रॉफिट बुक करते हैं। इसी कारण भारत से जितनी डिमांड निकलती है उतने अनुपात में फंड हाउस बिकवाली कर देते हैं। वहीं पिछले तीन साल से इन चार महीनों के दौरान अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी से लेकर राहत पैकेज खत्म करने की चर्चा गर्म रही, जिसके कारण कीमतों पर दबाव देखने को मिला है।

Gold की कीमतों में गिरावट का अनुमान

अजय केडिया के मुताबिक त्योहारी सीजन में ज्वैलरी की मांग बढ़ने से सोने की कीमतों को सहारा मिल सकता है। लेकिन साल के अंत तक घरेलू बाजार में सोने की कीमतें 25,500 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ सकती है। केडिया के अनुसार अमेरिका में इस साल ब्याज दरें बढ़ना तय है। दूसरी ओर भारतीय बाजार में Gold अभी भी डिस्काउंट रेट पर बिक रहा है।

Gold पर 7 से 11 डॉलर का डिस्काउंट

पर्याप्त सप्लाई और कमजोर रिटेल डिमांड की वजह से भारत में Gold पर छूट इस हफ्ते तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। भारत में डीलर्स ग्लोबल बेंचमार्क पर  7-11 डॉलर का डिस्काउंट दे रहे है। जबकि पिछले हफ्ते यह डिस्काउंट 6 से 8 डॉलर प्रति औंस था। दुनिया के सबसे बड़े कंज्यूमर चीन से Gold की मांग कमजोर है। चेन्नई स्थित एमएनसी बुलियन के डायरेक्टर दमन प्रकाश राठौड़ ने कहा कि इस महीने के शुरुआत में जिन डीलर्स ने सोना आयात किया था वह अब ज्यादा कीमत का फायदा उठा रहे है और डिस्काउंट पर बेच रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार से जब भारतीय बाजार में Gold डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा होता है तो यह माना जाता है कि ज्वैलर्स भी इस छूट को ग्राहकों की ओर बढ़ाएंगे जिससे सोने से बनने वाली ज्वैलरी सस्ती मिलेगी।

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