नई दिल्ली। सोना कारोबारियों के लिए ये अक्षय तृतीया कुछ खास नहीं रही है। कारोबारियों की माने तो ऊंची कीमतों की वजह से पहले ही सोने की मांग पर असर पड़ रहा था, अब कोरोना संकट की वजह से मांग बिल्कुल जमीन पर पहुंच गई है। हालांकि दूसरी तरफ एनालिस्ट मान रहे हैं कि कोरोना संकट की वजह से ही सोने की निवेश मांग में तेज उछाल देखने को मिल रहा है। ऐसे में अक्षय तृतीय के अवसर पर सोने में निवेश किया जाए तो आगे अच्छे रिटर्न देखने को मिल सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जब दुनिया में चौतरफा अनिश्चितता का दौर हो तो ऐसे समय सोने में आकर्षण बढ़ जाता है।
एमके ग्लोबल फाइनेंसियल सविर्सिज के शोध प्रमुख राहुल गुप्ता का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से इस अक्षय तृतीया पर बेशक मांग कम रह सकती है लेकिन आने वाले समय में दाम ऊपर चढ़ेंगे। गुप्ता की राय में बीच बीच में दाम कुछ नीचे आ सकते हैं लेकिन कुल मिलाकर दाम ऊपर बने रहेंगे। घरेलू बाजार में सोना 47,300 से लेकर 48,550 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर को छू सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण समर्थित ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट होल्डिंग में भी तेजी आ सकती है। 22 अप्रैल 2020 को इस ईटीएफ में 1,042.46 टन सोने के सौदे थे। अकेले अप्रैल में इसमें आठ प्रतिशत की वृद्धि हुइ है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सविर्सिज के उपाध्यक्ष (कमोडिटी रिसर्च) नवनीत दमाणी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर अनिश्चितता के दौर में सोने के दाम काफी आकर्षक स्तर पर पहुंच गये हैं। जब भी वैश्विक अनिश्चितता बढ़ती है सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग बढ़ जाती है। पहले अमेरिका- चीन के बीच व्यापार तनाव, भू- राजनीतिक तनाव, केन्द्रीय बैंकों के आक्रामक कदम तथा कई अन्य कारकों को देखते हुये सोने में मांग तेजी से बढ़ी है। दमाणी ने कहा है कि एक के बाद एक ऐसी घटनायें होती चलीं गई और इस साल कोरोना वायरस के फैलने से परिस्थितियां और भी जटिल हो गई। लॉकडाउन के दौरान जब सभी तरह के संपत्तियों के दाम रसातल पर पहुंच रहे थे तब मौजूदा परिस्थितियों में निवेशकों का ध्यान निवेश के दूसरे विकल्पों की तरफ जा रहा है। इनमें स्वर्ण प्रमाणपत्र, ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड तथा बाजारों में सीधे आनलाइन खरीद- फरोख्त शामिल है। दमाणी ने कहा कि निकट भविष्य में सोने को लेकर स्थिति बेहतर नजर आती है। जिसं बाजार में सोने का भाव 2,000 डालर से ऊपर निकल सकता है जबकि घरेलू बाजार में यह अगले 12 माह के दौरान 52,000 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर से ऊपर निकल सकते हैं।
वहीं निवेश परामर्श कंपनी मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक एवं सीईओ नीश भट्ट का कहना है कि सोना मुद्रास्फीति बढ़ने के बीच सुरक्षा देने का काम करता है। सोने का दाम अमेरिकी डालर में अंकित होता है इसलिये डालर के मुकाबले रुपये में होने वाली गिरावट से भी इसमें भारत में दाम बढ़ेंगी। पिछले साल पीली धातु का दाम 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ा था। निकट भविष्य के लिये भी सोने को लेकर दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है।