सिंगापुर। सोने की कीमतों में पिछले 30 वर्षों की सबसे बड़ी तिमाही तेजी देखने को मिली है। 2016 के शुरुआती तीन महीने के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत में 15.6 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। दरअसल अमेरिका में ब्याज दरें फिलहाल बढ़ने की संभावना कम है, जिसके कारण सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती और चीन में मंदी के कारण सुरक्षित निवेश के लिए सोने की डिमांड बढ़ी है।
1986 के बाद की सबसे बड़ी तेजी
2016 के शुरुआती तीन महीने (जनवरी-मार्च) के दौरान सोने की कीमतों में 15.1 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। 1986 के बाद किसी तिमाही में पहली बार ऐसा हुआ है। फरवरी में सोना 11 फीसदी महंगा हुआ है। हालांकि मार्च में 1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। फिलहाल सोना 1226 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रहा है। वहीं घरेलू वायदा बाजार में सोना 26,660 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है।
इस वजह से सोने में आई तेजी
दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती के साथ ही अमेरिकी सेंट्रल बैंक ने साफ कर दिया है कि अमेरिका में ब्याज दरें तेजी से नहीं बढ़ाई जाएंगी। इसके कारण प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर में कमजोरी देखने को मिल रही है। इसका असर सोने की कीमतों पर पड़ा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक सोने की कीमतों में फिलहाल गिरावट की कोई संभावना नहीं है। दूसरी ओर दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट होल्डिंग 2 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।