नई दिल्ली। सरकार जल्द ही गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को और आकर्षक बनाने के लिए इसमें और बदलाव कर सकती है, क्योंकि कम रिटर्न व टैक्स संबंधी चिंताओं के चलते इस योजना में अभी तक केवल तीन टन सोना ही जमा हो पाया है। यानी 800 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का लगभग 20,000 टन सोना इसके दायरे से अभी भी बाहर है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने इस बारे में इंडियन बुलियन एसोसिएशन तथा आभूषण कारोबार के अन्य प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की। उन्होंने इस कार्यक्रम से और बेहतर परिणाम हासिल करने के तौर तरीकों पर चर्चा की। सूत्रों ने कहा कि योजना में बदलाव किया जा सकता है और यह प्रस्ताव किया है कि उक्त बदलाव योजना की शुरुआत से यानी पिछली तारीख से प्रभावी हों। दास ने बैठक के बाद कहा कि दीर्घकालिक स्तर पर, गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम सफल होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मंदिर ट्रस्टों ने इस स्कीम में रुचि दिखाना शुरू किया है।
तीसरी गोल्ड बांड योजना में केवल 1,128 किलो के लिए आए आवेदन
सरकारी गोल्ड बांड योजना की तीसरी किस्त के प्रति ज्यादा उत्साह देखने को नहीं मिला और सरकार को 329 करोड़ रपुए मूल्य के केवल 1,128 किलो सोने के लिए ही आवेदन मिले हैं। इस योजना के तहत अब तक कुल मिलाकर 1322 करोड़ रुपए मूल्य के 4,916.253 किलो सोने के लिए आवेदन मिले हैं। योजना की तीसरी किस्त 8-14 मार्च तक खोली गई थी।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार शुरुआती आंकड़ों के अनुसार 1,128 किलो सोने की कुल ग्राहकी के लिए 64,000 आवेदन मिले। इस सोने की कीमत 329 करोड़ रुपए है। मंत्रालय का कहना है कि वास्तविक आंकड़ा कुछ अलग हो सकता है क्योंकि सभी एजेंसियों से मिले आंकड़ों की गणनना की जा हरी है। बांड 29 मार्च 2016 को जारी किए जाएंगे।