नई दिल्ली। तिरुपति बालाजी मंदिर प्रबंधन ने कहा है कि उसने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत उसने एक सरकारी बैंक में 1,311 किलोग्राम सोना जमा किया है। मंदिर प्रबंधन बैंक के साथ और सोना जमा करने के लिए बेहतर शर्त की मांग कर रहा है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने एक बयान में बताया कि पंजाब नेशनल बैंक में सोमवार को 0.995 शुद्धता वाला 1,311 किलोग्राम सोना जमा किया गया है।
टीटीडी आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (बालाजी) का प्रबंधन करता है। इसे दुनिया का सबसे समृद्ध मंदिर माना जाता है, जिसे सालाना भक्तों से अरबों रुपए मूल्य का चढ़ावा मिलता है। बयान में टीटीडी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डी. संबाशिव राव के हवाले से कहा गया है कि तीन साल की परिपक्वता अवधि वाली गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सोना पंजाब नेशनल बैंक में इसलिए जमा किया गया है, क्योंकि वह सबसे अधिक सालाना 1.75 फीसदी ब्याज दे रहा है। मंदिर भक्तों से नकद, आभूषण, सोना, चांदी, हीरा, संपत्ति का मालिकाना हक और डीमैट शेयर हस्तांतरण के रूप में चढ़ावा स्वीकार करता है। इस शॉर्टटर्म स्कीम का फायदा यह है कि इसमें रिटर्न के तौर पर सोना भी लिया जा सकता है, जो मंदिर चाहता भी है।
टीटीडी ने रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में रिटर्न के तौर पर नकदी के बजाये सोना देने की मांग की थी। राव ने कहा कि यदि इसके लिए हमें स्वीकृति मिलती है तो हम मौजूदा जमा के साथ ही साथ नए सोने को भी मीडियम और लॉंग टर्म स्कीम में जमा कर सकते हैं। टीटीडी ने मांग की है कि मीडियम और लांग टर्म गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में भी रिटर्न के तौर पर गोल्ड वापस मिलना चाहिए। टीटीडी प्रबंधन के मुताबिक इस साल बजट रेवेन्यू 2600 करोड़ रुपए रहेगा, जिसमें से दानदाताओं की हुंडी तकरीबन 1000 करोड़ रुपए रहेगी। ब्याज आय 800 करोड़ रुपए रहेगी और टिकट व प्रसादम की बिक्री से 600 करोड़ रुपए की आय होगी।
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