नई दिल्ली। खनिज संपदा से भरपूर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में सोने की खदान मिली है। सर्वे के मुताबिक जो सोना दबा हुआ है, उसकी कीमत करीब 12 लाख करोड़ रूपए बताई जा रही है। इतना सोना अगर निकल गया तो न सिर्फ यूपी बल्कि देश भी मालामाल हो जाएगा। कुल 3 हजार टन सोने के अयस्क से करीब डेढ़ हजार टन सोने का खनन किया जाएगा। सोना निकालने के साथ ही केन्द्र सरकार इसकी ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर देगी। इनके खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया से पूर्व जिओ टैगिंग की कार्रवाई शुरू की गई है।
राज्य के खनिज विभाग ने सोने की खदानों की पुष्टि की है। सोना निकालने के साथ ही केन्द्र सरकार इसकी ई-नीलामी (E-auction) की प्रक्रिया शुरू कर देगी। सोनभद्र में पिछले 15 साल से जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की टीम भू भौतिकीय सर्वे कर रही है। हेलीकॉप्टर की मदद से किए जा रहे सर्वे में विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रोमीटर उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। टीम ने 8 साल ही पहले जमीन के अंदर सोना होने की पुष्टि कर दी थी। जिले के खनिज अधिकारी के.के राय ने बताया कि सोनभद्र जिले में यूरेनियम के भी भंडार होने की संभावना है जिसकी तलाश में केंद्रीय और अन्य टीम लगी हुई हैं।
जीएसआई के अनुसार, सोनभद्र की सोन पहाड़ी में 2943 टन सोना जबकि हल्दी ब्लॉक में 646 किलो सोना का भंडार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। छिपिया ब्लॉक में दस मीलियन टन सिलेमिनाइट, पुलवर ब्लॉक में 100 मिलियन टन एंडालुसाइट का अनुमान है। जहां से कीमती खनिज का पता लगा है, उसके सीमांकन का काम शुरू हो चुका है। सीमांकन के बाद ई टेंडरिंग की जाएगी और फिर खुदाई का काम शुरू होगा। बता दें कि सोना के ये भंडार सोनभद्र के कोन क्षेत्र के हरदी गांव में और महुली क्षेत्र के सोन पहाड़ी में मिला है। सोनभद्र में सोने के उत्खनन का रास्ता साफ होने से पहले खनिज निदेशालय जिओ टैगिंग करवा रहा है। ई-टेंडरिंग के माध्यम से ब्लॉकों के नीलामी के लिए शासन ने सात सदस्यीय टीम भी गठित कर दी है। यह टीम पूरे क्षेत्र की जिओ टैगिंग करेगी और 22 फरवरी, 2020 तक अपनी रिपोर्ट भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय लखनऊ को सौंप देगी।