नई दिल्ली। मोदी सरकार ने मंगलवार को कहा कि स्वर्ण आभूषणों (gold jewellery) पर अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग (mandatory hallmarking) को चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में 16 जून, 2021 से क्रियान्वित किया जा रहा है और इसे वापस लेने की बात जिस परिपत्र में कही जा रही है, वह फर्जी है। सरकार के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कुछ सोशल मीडिया पर यह खबर चल रही है कि भारत सरकार ने स्वर्ण आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था वापस लेने का आदेश जारी किया है। यह पूरी तरह से फर्जी है।
सोने के गहनों और कलाकृतियों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था 16 जून से चरणबद्ध तरीके से लागू हो गई है। पहले चरण में 256 जिलों को शामिल किया गया है। स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाणन है। यह अब तक स्वैच्छिक था। सरकार ने स्वर्ण हॉलमार्किंग के पहले चरण के क्रियान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है।
पहले चरण में तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र के अधिकांश जिले
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे तीन शीर्ष राज्य हैं जहां अधिकांश जिलों में स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग (गुणवत्ता चिह्न लागने की अनिवार्य व्यवस्था) के पहले चरण की शुरुआत की गई है। पहले चरण में 256 जिलों को इसके दायरे में लिया गया है।
तमिलनाडु के सबसे ज्यादा 24 जिले
सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग के पहले चरण के कार्यान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 256 जिलों की पहचान की है। राज्यों की सूची में, अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग के कार्यान्वयन के लिए तमिलनाडु से अधिकतम 24 जिलों की पहचान की गई है, इसके बाद गुजरात (23 जिले) और महाराष्ट्र (22 जिले) हैं। अनिवार्य रूप से सोने की हॉलमार्किंग के लिए पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में लगभग 19 जिलों की पहचान की गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली और तेलंगाना में सात-सात जिले, जबकि आंध्र प्रदेश और पंजाब में (12 जिले), केरल (13 जिले), कर्नाटक (14 जिले) और हरियाणा (15 जिले) की पहचान की गई है।
बिकेंगे केवल 14,18 और 22 कैरट के आभूषण
इन 256 जिलों के सर्राफा कारोबारियों को गुणवत्ता के ठप्पे के साथ ही 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण बेचने की अनुमति दी गई है। सरकार ने आभूषण क्षेत्र में कुछ कंपनियों के लिए सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग में ढील दी है। सरकार ने 40 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले सर्राफा कारोबारियों को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी है। उन लोगों को भी छूट दी गई है जो सरकार की व्यापार नीति के अनुसार आभूषणों का निर्यात और पुन: आयात करते हैं।
40 प्रतिशत आभूषण पर हॉलमार्किंग
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग योजना चला रहा है। मौजूदा समय में लगभग 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा रही है। भारत में करीब चार लाख आभूषण विक्रेता हैं। इसमें से केवल 35,879 बीआईएस प्रमाणित हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, भारत सालाना 700-800 टन सोने का आयात करता है।
यह भी पढ़ें: खुशखबरी! जल्द मिलेगी महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत, तेल मार्केटिंग कंपनियों ने शुरू की कवायद
यह भी पढ़ें: PM Kisan योजना में 6000 रुपये लेने वाले अपात्र किसानों से सरकार करेगी अब वसूली
यह भी पढ़ें: सनरूफ के साथ आने वाली ये हैं सबसे सस्ती टॉप-8 कारें, कीमत है 10 लाख रुपये से कम
यह भी पढ़ें: डीजल ग्राहकों के लिए खुशखबरी, BPCL ने राहत के लिए उठाया कदम