नई दिल्ली। देश का सोना आयात चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में लगभग 4 प्रतिशत बढ़कर 17.63 अरब डॉलर हो गया, जिसकी वजह से देश का व्यापार घाटा बढ़ रहा है और चालू खाते का घाटा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में सोना आयात 16.96 अरब डॉलर था। सोने के आयात में वृद्धि से देश का व्यापार घाटा 2018-19 के अप्रैल-सितंबर में बढ़कर 94.32 अरब डॉलर हो गया। 2017-18 की इसी अवधि में यह आंकड़ा 76.66 अरब डॉलर था।
चालू खाते का घाटा (कैड), विदेशी मुद्रा के अंत: और ब्राह्य प्रवाह के बीच का अंतर है। 2018-19 की पहली छमाही में चालू खाते का घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.4 प्रतिशत पर पहुंच गया। व्यापार घाटा बढ़ने और डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट से चालू खाते के घाटे पर दबाव पड़ा है।
सोने के आयात में इस वर्ष जून तक गिरावट दर्ज की गई, इसके बाद से इसमें दहाई अंक की वृद्धि रही। अगस्त में यह 51.5 प्रतिशत बढ़कर 2.6 अरब डॉलर हो गया। भारत दुनिया में सबसे बड़ा स्वर्ण आयातक है और मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए आयात किया जाता है। देश का सालाना स्वर्ण आयात 800-900 टन है।
सोने के आयात का व्यापार घाटे और चालू खाते के घाटे पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने सोने के आयात में कटौती करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। इनमें दक्षिण कोरिया से ड्यूटी फ्री गोल्ड इंपोर्ट पर प्रतिबंध और प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस/स्टार ट्रेडिंग हाउस को स्वयं उपयोग र्शत के साथ विदेशी बुलियन सप्लायर्स से सीधे सोने के आयात पर प्रतिबंध शामिल हैं।