नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड की कीमतों में गिरावट के चलते इस साल भारत में गोल्ड इंपोर्ट 11 फीसदी बढ़कर 1,000 टन पर पहुंच सकता है। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन के मुताबिक 2014 के दौरान भारत में कुल 900 टन सोना इंपोर्ट हुआ था। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन जीवी श्रीधर ने कहा कि 2015 कैलेंडर वर्ष में सोने का आयात 1000 टन रहने का अनुमान है, जो कि 2014 में 900 टन रहा था।
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श्रीधर के मुताबिक इस साल स्मगलिंग के जरिये देश में तकरीबन 100 टन सोना आया है। फेडरेशन के मुताबिक जनवरी-सितंबर 2015 तक भारत 850 टन सोने का इंपोर्ट कर चुका है, पिछले साल समान अवधि में 650 टन सोना इंपोर्ट हुआ था। अंतिम तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान 150-200 टन सोना इंपोर्ट होने का अनुमान है, पिछले साल की समान तिमाही में 300 टन सोना इंपोर्ट हुआ था। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भी कहा है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान शादियों का सीजन होने के कारण भारत में सोने की मांग बहुत अधिक बढ़ जाती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ने और हाल ही के हफ्तों में सोने की कीमत 27000 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर पर बने रहने की वजह से भी अंतिम तिमाही में सोने के दाम कम होने से मांग बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इस बार कमजोर मानसून की वजह से जुलाई-सितंबर तिमाही में सोने की मांग ज्यादा नहीं बढ़ पाई थी। लेकिन सितंबर से नवंबर के बीच सोने की मांग में अच्छा इजाफा हुआ है। त्योहारी और शादी की खरीदारी की वजह से अंतिम तिमाही में सोने की मांग ज्यादा होती है। भारत के लिए पेट्रोलियम के बाद गोल्ड दूसरे सबसे ज्यादा इंपोर्ट होने वाली वस्तु है। बहुत अधिक गोल्ड इंपोर्ट देश के चालू खाता घाटे पर प्रतिकूल असर डालता है।