नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर कीमतों में गिरावट से सोने का आयात 2015-16 में करीब आठ फीसदी गिरकर 31.72 अरब डॉलर रह गया। इससे देश के चालू खाते के घाटे (कैड) पर नियंत्रण में मदद मिलेगी। सोने का आयात 2014-15 में 34.38 अरब डॉलर रहा था। वैश्विक और घरेलू बाजारों में सोने की कीमत में गिरावट को आयात में कमी के लिए महत्वपूर्ण कारक माना जा रहा है।
मार्च में लगातार दूसरे महीने आयात घटा। माह के दौरान सोने का आयात 80.48 प्रतिशत घटकर 97.29 करोड़ डॉलर रह गया। आयात में कमी के मद्देनजर पिछले महीने व्यापार घाटा कम होकर पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.07 अरब डॉलर पर आ गया। यह एक साल पहले की समान अवधि में 11.39 अरब डॉलर था। भारत विश्व का सबसे बड़ा सोने का आयातक है और आयात से मुख्य तौर पर देश की जेवरात की मांग पूरी की जाती है।
भारत का चालू खाते का घाटा 2015-16 की तीसरी तिमाही में घटकर सकल घरेलू उत्पाद के 1.3 फीसदी के बराबर आ गया जो पिछले साल की इसी अवधि में 1.5 फीसदी था। ऐसा मुख्य तौर पर व्यापार घाटे में कमी के कारण हुआ। सोने के आयात में कमी से रत्न एवं जेवरात का निर्यात प्रभावित हुआ। रत्न एवं जेवरात का निर्यात मार्च में सिर्फ 4.6 फीसदी बढ़कर 3.61 अरब डॉलर हो गया।