आगरा। सोने के आयात पर सरकार की सख्ती का असर उल्टा हुआ है। इसके चलते भारत में गैरकानूनी ढंग से सोने के आयात में बढ़ोतरी देखने को मिली है। भारत में सोने का आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जुलाई की अवधि में 76 फीसदी की गिरावट के साथ 60 टन पर आ गया। सोना-चांदी रिफाइनर कंपनी एमएमटीसी-पीएएमपी के अनुसार आयात शुल्क और अन्य टैक्सों के चलते आयात में यह जोरदार गिरावट देखने को मिली है। वहीं इस दौरान गैरकानूनी ढंग से 80 टन सोने का आयात हुआ है।
सोने पर आयात शुल्क घटाने की मांग
कंपनी ने कहा कि भारत में आयात शुल्क में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के मद्देनजर इन चार महीनों में गैरकानूनी तरीकों से करीब 80 टन सोने का आयात हुआ। एमएमटीसी -पीएएमपी के प्रबंध निदेशक राजेश खोसला ने तीन दिन के भारत अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण सम्मेलन के मौके पर कहा, जब तक सीमा शुल्क में 3-4 फीसदी की कटौती नहीं की जाती यह गैरकानूनी आयात का रुझान बरकरार रहेगा।
उन्होंने कहा कि सोने के आयात में गिरावट सरकार के लिए अच्छी खबर हो सकती है, क्योंकि इससे चालू खाते के घाटे को नियंत्रित रखने में मदद मिल रही है। लेकिन ऐसा लगता है कि सोने की बढ़ती तस्करी के बारे में किसी को चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में आधिकारिक तौर पर सोने का कुल आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जुलाई की अवधि में घटकर 60 टन रह गया, जो पिछले साल में हुए 250 टन के आयात से काफी कम है। खोसला ने यह भी कहा कि एमएमटीसी-पीएएमपी द्वारा उक्त अवधि में सोने का आयात सिर्फ पांच टन रहा, जो साल भर पहले 50 टन था।
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उन्होंने कहा, आयात में कमी की कई वजह हैं। एक है सीमा शुल्क जिसके कारण तस्करी हो रही है और दूसरा खराब किस्म के जेवरात के निर्यात के लिए लोगों को प्रोत्साहन दिया जाना। खोसला ने कहा कि आयात इसलिए घट रहा है क्योंकि स्थानीय कारोबारी एक फीसदी उत्पाद शुल्क पेश किए जाने के बाद गैरकानूनी स्टॉक खत्म कर रहे हैं।