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Gold imports dip 9 per cent to USD 24.64 billion during April-January period
नयी दिल्ली। देश में सोने का आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान करीब 9 प्रतिशत घटकर 24.64 अरब डॉलर (1.74 लाख करोड़ रुपए) रहा। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी अवधि में मूल्यवान धातु का आयात 27 अरब डॉलर था। सोने के आयात में कमी से देश का व्यापार घाटा कम होकर अप्रैल-जनवरी अवधि में 133.27 अरब डॉलर रहा जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 163.27 अरब डॉलर था। पीली धातु के आयात में पिछले साल जुलाई से ही गिरावट दर्ज की जा रही है। हालांकि पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में इसमें सकारात्मक वृद्धि हुई। वहीं दिसंबर में करीब 4 प्रतिशत और इस साल जनवरी में 31.5 प्रतिशत की गिरावट आयी।
बता दें कि, भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है। मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिये इसका आयात किया जाता है। मात्रा के हिसाब से देश में सालाना 800 से 900 टन सोने का आयात होता है। सोने के आयात का व्यापार घाटा और चालू खाते के घाटे पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिये सरकार ने धातु पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है। उद्योग विशेषज्ञों का दावा है कि इस क्षेत्र में काम कर रही इकाइयां उच्च शुल्क के कारण अपना विनिर्माण आधार पड़ोसी देश में स्थापित कर रहे हैं।
रत्न एवं आभूषण निर्यात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान 1.45 प्रतिशत घटकर 25.11 अरब डॉलर रहा। देश का स्वर्ण आयात 2018-19 में करीब 3 प्रतिशत घटकर 32.8 अरब डॉलर रहा। रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार चालू खाते का घाटा मौजूदा वित्त वर्ष में जुलाई-सितंबर के दौरान घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.9 प्रतिशत यानी 6.3 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले इसी अवधि में यह जीडीपी का 2.9 प्रतिशत या 19 अरब डॉलर था। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद के आंकड़े के अनुसार बिना तराशे यानी कच्चे हीरों का आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान 15.54 प्रतिशत घटकर 11 अरब डॉलर रहा। हालांकि सोने की छड़ों का आयात आलोच्य अवधि में 3.56 प्रतिशत बढ़कर 6.6 अरब डॉलर रहा।